अंबेडकर नगर, 7 जुलाई, 2025: उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ 2014 में मृत पाए गए तत्कालीन एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डॉ. ब्रह्मनारायण तिवारी के सरकारी आवास को जब लगभग साढ़े दस साल बाद खोला गया, तो सब हैरान रह गए। इस बंद पड़े कमरे से 22 लाख 48 हजार पांच रुपये की नगदी बरामद हुई है, जिसमें एक हजार और पांच सौ के पुराने नोट शामिल हैं।
क्या था मामला?
मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले डॉ. बी.एन. तिवारी 28 अगस्त 2007 को अंबेडकर नगर में एसीएमओ के पद पर स्थानांतरित हुए थे। उन्हें मीरानपुर सीएचसी के सरकारी आवास में एक कमरा मिला था, जहाँ वे अकेले रहते थे। 29 जनवरी 2014 की सुबह अचानक यह खबर आई कि डॉ. बी.एन. तिवारी अपने घर से बाहर नहीं निकले हैं। प्रशासन ने मौके पर पहुँचकर जब घर का दरवाजा तोड़ा, तो डॉ. बी.एन. तिवारी का शव बिस्तर पर पड़ा मिला। इसके बाद से ही इस आवास को सील कर दिया गया था।
मरम्मत के लिए खुला आवास, मिला खजाना
हाल ही में, सीएमओ डॉ. संजय कुमार शैवाल ने जिलाधिकारी अनुपम शुक्ल से बातचीत कर इन आवासों की मरम्मत के लिए कमरा खुलवाने की अनुमति मांगी। जिलाधिकारी की सहमति के बाद, दो सदस्यीय टीम की मौजूदगी में और वीडियो रिकॉर्डिंग के बीच कमरा खोला गया। इसी दौरान, बिस्तर के नीचे से यह बड़ी नगदी (22 लाख 48 हजार पांच रुपये) बरामद हुई। सीएमओ संजय कुमार शैवाल ने बताया कि इस पैसे को जिला कोषागार में सुरक्षित रख दिया गया है।
पुलिस को भी किया गया था सूचित
दिवंगत एसीएमओ के बंद आवास को खोलने से पहले सीएमओ ने पुलिस को भी सूचित किया था और मामले को लेकर पुलिस में किसी केस दर्ज होने की जानकारी मांगी थी। पुलिस ने बताया कि इस मामले को लेकर कोई सूचना दर्ज नहीं है। बताया जा रहा है कि डॉ. बी.एन. तिवारी की मृत्यु के बाद पाँच सीएमओ ने कार्यभार संभाला, लेकिन किसी ने भी उनके इस बंद आवास को खुलवाने का प्रयास नहीं किया था। इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और पैसे के स्रोत को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस अब मामले की आगे की जांच कर रही है।