ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ एयरटेल की सख़्त कार्रवाई: उत्तरप्रदेश (पूर्व) में 1.5 करोड़ से ज़्यादा यूज़र्स को मिली रियल टाइम सुरक्षा

वाराणसी: भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने उत्तरप्रदेश (पूर्व) में बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। कंपनी ने अपने एआई-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम के लॉन्च के बाद, इस क्षेत्र में सिर्फ 56 दिनों के भीतर 1 करोड़ 50 लाख से अधिक यूज़र्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सफलतापूर्वक बचाया है। यह पहल देश भर में डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने के एयरटेल के मिशन का हिस्सा है।


अत्याधुनिक AI-आधारित सुरक्षा प्रणाली

एयरटेल की यह अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली सभी एयरटेल मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए अपने आप एक्टिवेट हो जाती है। यह प्रणाली SMS, WhatsApp, Telegram, Facebook, Instagram, ईमेल और अन्य ब्राउज़र्स पर भेजे गए लिंक्स को स्कैन और फ़िल्टर करती है। यह तकनीक रियल टाइम थ्रेट इंटेलिजेंस का उपयोग करती है और रोज़ाना 1 अरब से ज़्यादा यूआरएल का विश्लेषण करती है। किसी भी खतरनाक साइट पर पहुंचने से पहले, यह सिस्टम महज़ 100 मिलीसेकंड में उसे ब्लॉक कर देता है और यूज़र को एक चेतावनी संदेश पर रीडायरेक्ट कर देता है: “ब्लॉक कर दिया गया! एयरटेल ने इस साइट को ख़तरनाक पाया है!”

उदाहरण के लिए, अगर प्रयागराज का कोई यूज़र किसी संदिग्ध पार्सल डिलीवरी मैसेज पर क्लिक करता है, तो एयरटेल का एआई-सिस्टम तुरंत सक्रिय हो जाता है और संदिग्ध लिंक को ब्लॉक कर देता है, जिससे यूज़र सुरक्षित रहता है।


उत्तरप्रदेश में बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ सुरक्षा कवच

इस पहल पर टिप्पणी करते हुए, अमित गुप्ता, सीईओ – उत्तरप्रदेश (पूर्व), भारती एयरटेल ने कहा, “एयरटेल में, हम अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के फ्रॉड से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा यह फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन हर प्लेटफॉर्म पर सभी ग्राहकों की सुरक्षा को बढ़ाने और नए खतरों से बचाने के लिए बनाया गया है। हमें विश्वास है कि यह समाधान उत्तरप्रदेश (पूर्व) के ग्राहकों को साइबर खतरों से व्यापक सुरक्षा प्रदान करेगा, जिससे वे निश्चिंत होकर डिजिटल दुनिया का आनंद ले सकें।”

उत्तरप्रदेश देश के सबसे अधिक डिजिटल रूप से विकसित राज्यों में से एक है, लेकिन यहाँ ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं, चाहे वे शहरी हों या ग्रामीण। फ्रॉड करने वाले अब फिशिंग लिंक्स, नकली डिलीवरी संदेश और जाली बैंक अलर्ट के ज़रिए लोगों को निशाना बना रहे हैं। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर देहात, जौनपुर, कुशीनगर, मऊ और मिर्ज़ापुर जैसे जिलों में ऐसे मामलों में तेज उछाल देखा गया है। एयरटेल का यह समाधान पूरे राज्य के लिए एक डिजिटल सुरक्षा कवच का काम कर रहा है, जो परिवारों, बुजुर्गों, गृहणियों, छात्रों और पहली बार स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे यूज़र्स तक को साइबर अपराध से बचा रहा है।


बहुभाषी और मुफ़्त सुरक्षा

यह एआई-संचालित प्लेटफ़ॉर्म यूज़र्स को उनकी पसंदीदा भाषा में फ्रॉड अलर्ट भेजता है, जिसमें हिंदी भी शामिल है। यह सुविधा उन क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रभावी है जहाँ डिजिटल साक्षरता सीमित है या अंग्रेजी का उपयोग कम होता है। यह समाधान बैकग्राउंड में बिना किसी अतिरिक्त इंस्टॉलेशन के चुपचाप काम करता है और ग्राहकों के लिए पूरी तरह मुफ़्त है।

उत्तरप्रदेश जैसे डिजिटल रूप से अग्रणी राज्य में, जहाँ ऑनलाइन बैंकिंग से लेकर सरकारी सेवाएं तक तेजी से डिजिटल हो रही हैं, एयरटेल की यह पहल एक सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल इकोसिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। लॉन्च के बाद मात्र 56 दिनों में ही एयरटेल ने पूरे देश में 212,526 से ज़्यादा खतरनाक लिंक्स को ब्लॉक किया है और 14.3 करोड़ से अधिक ग्राहकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सुरक्षित किया है।


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