वाराणसी से शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज मुम्बई के लिए रवाना, चातुर्मास व्रत अनुष्ठान होंगे संपन्न

वाराणसी, 7 जुलाई, 2025: ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज काशी में अपना मनुस्मृति पर व्याख्यान पूर्ण कर, आज अपने 23वें चातुर्मास व्रत अनुष्ठान को संपन्न करने के लिए मुम्बई के लिए प्रस्थान कर गए। वे सड़क मार्ग से बाबतपुर पहुँचे और फिर वहाँ से वायुमार्ग द्वारा मुम्बई के लिए रवाना हुए।

इस दौरान, बड़ी संख्या में काशीवासी भक्तों और संतों ने पुष्पवर्षा कर और जयघोष करते हुए उन्हें विदा किया। भक्तों के आग्रह पर, शंकराचार्य जी महाराज श्रीविद्यामठ से पालकी पर आरूढ़ होकर कुछ दूर तक भी गए।

पहलगाम हमले के बाद बदला था कार्यक्रम शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने से वे बहुत आहत थे, जिसके चलते उन्होंने अपने समस्त कार्यक्रम दो महीने के लिए स्थगित कर दिए थे और काशी आ गए थे। यहाँ उन्होंने मनुस्मृति पर व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने और उसके महत्व को स्पष्ट करने के लिए व्याख्यान दिया।

मुम्बई में होंगे विविध धार्मिक अनुष्ठान शंकराचार्य जी महाराज के मुम्बई में आहूत चातुर्मास व्रत के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा।

  • 9 जुलाई को भव्य कलश यात्रा: सर्वप्रथम, 9 जुलाई को दोपहर 3 बजे वझिरा गणेश मंदिर बोरीवली से एक दिव्य और भव्य कलश यात्रा व शोभा यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें मुम्बईवासियों सहित पूरे देश से भारी संख्या में भक्त और संत सम्मिलित होंगे।
  • नित्य धार्मिक कार्य: चातुर्मास व्रत के दौरान प्रतिदिन सुबह 108 विशेष शिवलिंगों का अभिषेक किया जाएगा। वेदांत वर्ग का आयोजन होगा और शाम को भक्तों के लिए शंकराचार्य जी महाराज का प्रवचन होगा। इसके अतिरिक्त, दिनभर पूजन-अर्चन और भजन-कीर्तन चलता रहेगा।
  • श्री गोप्रतिष्ठा महायज्ञ: चातुर्मास व्रत के दौरान श्री गोप्रतिष्ठा महायज्ञ भी आयोजित होगा, जिसमें 33 करोड़ आहुति डालने का संकल्प लिया गया है।

शंकराचार्य जी महाराज के प्रस्थान के समय साध्वी पूर्णाम्बा दीदी, ब्रह्मचारी परमात्मानंद, प्रभुदत्त शुक्ला, रमेश उपाध्याय, सतीश अग्रहरी, आशीष गुप्ता, किशन जायसवाल, जयफणी वर्धन, दीपेंद्र सिंह, रामचंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में संत और भक्त उपस्थित थे।


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