वाराणसी, 11 जुलाई, 2025: भगवान शिव को अत्यंत प्रिय श्रावण मास के प्रथम दिन, सूर्योदय के साथ ही नमामि गंगे ने योगी वेद विज्ञान विद्यापीठ के वेदपाठी बटुकों के साथ मिलकर शिव-शक्ति की अराधना की। यह शिवार्चन गंगा द्वार से श्री काशी विश्वनाथ धाम तक किया गया, जिससे बाबा विश्वनाथ का दरबार ‘हर हर महादेव’ के उद्घोष से गूंज उठा।
देश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना
इस विशेष आयोजन में भगवान शिव की कृपा से देश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की गई। इस दौरान शिव पंचाक्षर मंत्र ‘नमः शिवाय’, शिव सहस्त्र नाम, द्वादश ज्योतिर्लिंग और ‘हर हर महादेव शंभु काशी विश्वनाथ गंगे’ का जाप किया गया।
स्वच्छता का आह्वान और शिव तत्व का महत्व
‘हर हर गंगे- नमामि गंगे’ के जयकारे के बीच गंगा किनारे गंदगी न करने का आह्वान भी किया गया। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक और नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि हमारे वेदों में मान्यता है कि भगवान शिव संसार के समस्त मंगल के मूल हैं। उन्होंने यजुर्वेद का उल्लेख करते हुए बताया कि परमात्मा को ‘शिव’, ‘शंभु’ और ‘शंकर’ नाम से नमन किया गया है, जहाँ ‘शिव’ कल्याणकारी, ‘शंभु’ मंगलदायक और ‘शंकर’ आनंद का स्रोत हैं। राजेश शुक्ला ने यह भी कहा कि शिव-तत्व को जीवन में उतार लेना ही शिवत्व प्राप्त करना है और यही शिव होना है, और हमारा लक्ष्य भी यही होना चाहिए, तभी शिवार्चन सफल होगा।
इस पावन आयोजन में नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर सहसंयोजिका सारिका गुप्ता, महर्षि योगी वेद विज्ञान विद्यापीठ के प्रबंधक सुनील श्रीवास्तव, सीमांत केशरी स्वाईं, वेदपाठी बटुक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।