चरखी दादरी, हरियाणा: हरियाणा के चरखी दादरी के एक गांव में एक हिंदू लड़की ने धर्म परिवर्तन कर एक मुस्लिम लड़के से शादी कर ली थी। दोनों ने रज़ामंदी से शादी की और कोर्ट से सुरक्षा की मांग की थी, जिसके बाद उन्हें सेफ हाउस में पुलिस की सुरक्षा में रखा गया था। हालांकि, शादी के महज 15 दिन बाद ही दोनों ने गांव वालों के दबाव के बाद सहमति से अलग होने का फैसला कर लिया है। दोनों ने रिश्ते को खत्म करने के लिए एक एफिडेविट (शपथ पत्र) पर भी साइन कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
चरखी दादरी के मेहराणा गांव में 25 साल के एक मुस्लिम लड़के और उसके परिवार पर उसी गांव की एक हिंदू लड़की से शादी करने की वजह से घर छोड़ने का दबाव है। चरखी दादरी सदर थाने के SHO तेजपाल ने बताया कि रोहतक से मास्टर की पढ़ाई कर रही 25 साल की एक हिंदू लड़की ने अपना धर्म बदलकर 3 जुलाई को 25 साल के मुस्लिम युवक से शादी कर ली थी।
जब गांव के लोगों को इस शादी के बारे में पता चला तो हंगामा मच गया। अठगामा खाप के मुखिया धर्मपाल मेहराणा ने बताया कि उन्होंने पंचायत बुलाई और मुस्लिम युवक के परिवार वालों से शादी तोड़ने के लिए कहा। दोनों के परिवारों ने पंचायत की मांग मान ली और जोड़े को स्थानीय पुलिस स्टेशन ले गए, जहाँ युवक-युवती ने एफिडेविट पर साइन किए। मुस्लिम युवक और हिंदू लड़की अब अपने-अपने माता-पिता के साथ रह रहे हैं, और उनके रिश्ते को कानूनी तरीके से भी खत्म किया जाएगा।
सामाजिक ताना-बाना और गांव का दबाव
अठगामा खाप के मुखिया धर्मपाल मेहराणा ने कहा कि इस घटना ने ग्रामीण समाज के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अब उनसे तीन गांवों की पंचायत बुलाने और मुस्लिम युवक के परिवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इस गांव ने हमेशा मुस्लिम परिवार की मदद की है, लेकिन उनके लड़के ने हिंदू लड़की भगाकर गांव के भाईचारे को तोड़ा है।
मेहराणा गांव के रहने वाले विष्णु ने कहा कि लड़का और लड़की दोनों ही इस शादी को करके सामाजिक ताने-बाने और भाईचारे को तोड़ने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से एक ही गांव, आस-पास के गांव और एक ही गोत्र में होने वाली शादियों पर बैन लगाने वाला कानून बनाने की अपील की है।
पुलिस की तैनाती और परिवार की मुश्किलें
फिलहाल, युवक के घर पर चार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। मुस्लिम युवक के परिवार की एक किराने की दुकान है, जिसे भी ग्रामीणों ने बंद करा दी है। एक और ग्रामीण ने बताया कि चरखी दादरी में हिंदू लड़की की मुलाकात मुस्लिम युवक से 2023 में उसकी बहन की शादी के दौरान हुई थी, क्योंकि मुस्लिम युवक की बहन हिंदू लड़की की दोस्त थी। लड़की के परिवार को उनके रिश्ते के बारे में पता था और कुछ महीने पहले उन्होंने युवक को उनकी बेटी से दूर रहने के लिए कहा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
SHO तेजपाल ने बताया कि लड़के और लड़की ने एफिडेविट पर साइन कर कहा है कि वे अपने माता-पिता के साथ रहेंगे और उन्होंने शादी तोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी बताया कि वे गांव में स्थिति पर नज़र रख रहे हैं।
इस तरह के सामाजिक दबाव के मामलों में, आपको क्या लगता है कि न्यायपालिका और प्रशासन की भूमिका क्या होनी चाहिए?