JDU से गठबंधन पर असमंजस: बिहार AIMIM अध्यक्ष अख्तरुल ईमान बोले – 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी

पटना, 7 जुलाई, 2025: बिहार में आसन्न विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। इसी बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ संभावित गठबंधन और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर कई बड़े बयान दिए हैं।

गठबंधन पर RJD की खामोशी

अख्तरुल ईमान ने TV9 भारतवर्ष से बात करते हुए बताया कि उन्होंने RJD को गठबंधन के लिए पत्र दिए हुए कई दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सीधे तौर पर लालू यादव या तेजस्वी यादव से कोई बात नहीं हुई है, लेकिन RJD के अन्य नेताओं से बातचीत हुई है। ईमान ने कहा, “मेरी चिंता बिहार के लिए थी, बिहार के भविष्य के लिए थी। कई दिन हो गए लेटर दिए हुए, अभी कोई जवाब नहीं आया है।” उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास पहले भी ‘थर्ड फ्रंट’ का विकल्प मौजूद था, और उन्होंने गेंद RJD के पाले में फेंक दी है ताकि उनकी ‘नीयत’ स्पष्ट हो सके।

यह पूछे जाने पर कि यदि RJD का जवाब नहीं आता है तो क्या वे अकेले चुनाव लड़ेंगे, ईमान ने कहा, “मंजिल का मुसाफिर सवारी के छूट जाने से रुकता नहीं है। दूसरी सवारी तलाश कर लेता है।” उन्होंने बताया कि AIMIM ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है, हालांकि अंतिम फैसला पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को लेना है। उन्होंने जोर दिया कि वे अकेले नहीं हैं और ‘थर्ड फ्रंट’ की तैयारी कर रहे हैं।

मतदाता सूची पुनरीक्षण पर चिंता

अख्तरुल ईमान ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भी चुनाव आयोग से अपनी गुजारिश दोहराई। उन्होंने कहा कि SIR कराना आयोग का संवैधानिक हक है, लेकिन 2025 के चुनाव सिर पर होने और राज्य में बारिश व सैलाब की स्थिति को देखते हुए यह समय अनुकूल नहीं है। उन्होंने 2002 और 2004 के जन्म प्रमाण पत्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में बहुत कम लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र हैं और बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर राज्य से बाहर हैं। ईमान ने सवाल उठाया कि जो लोग पढ़ना-लिखना नहीं जानते, वे ऑनलाइन प्रक्रिया कैसे पूरी करेंगे और क्या उन्हें वोट से वंचित कर दिया जाएगा? उन्होंने आयोग से इस प्रक्रिया पर रोक लगाने और चुनाव के बाद इसे कराने की मांग की है।

“बिहार में लोकतंत्र की हत्या हो रही है”

राज्य की मौजूदा सांप्रदायिक सरकार पर निशाना साधते हुए अख्तरुल ईमान ने कहा कि बिहार में जब से ऐसी सरकार आई है, लोकतंत्र की हत्या हो रही है। उनके अनुसार, कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है, अपराध और भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, और अफसरशाही का नंगा-नाच हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को रोकना बेहद जरूरी है, इसीलिए उन्होंने वोटों को बिखरने से बचाने के लिए ‘उदारता’ दिखाई है।

NRC को लेकर आशंका

ओवैसी के इस प्रक्रिया को नागरिकता से जोड़ने के सवाल पर अख्तरुल ईमान ने कहा कि लोगों में यह खौफ है कि कहीं न कहीं से ‘चोर दरवाजे से NRC लागू करने की कोशिश’ हो रही है। उन्होंने BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) के तीन बार घर जाने और मजदूर के न मिलने पर नागरिकता पर सवाल उठने की आशंका जताई।

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