नई दिल्ली, 7 जुलाई, 2025: महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर जारी विवाद अब हिंसक रूप लेता जा रहा है और नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। हाल ही में महाराष्ट्र में कुछ व्यापारियों के साथ मराठी न बोल पाने के कारण हुई मारपीट की घटनाओं और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे के “पीटो लेकिन वीडियो मत बनाओ” वाले बयान पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा, “महाराष्ट्र से बाहर आओ, तुमको पटक-पटक कर मारेंगे।” यह बयान तब आया जब विवाद व्यापारियों और MNS कार्यकर्ताओं से आगे बढ़कर हिंदी भाषी और मराठी नेताओं के बीच पहुंच गया है।
दुबे के तीखे बोल: राज ठाकरे के ‘वीडियो मत बनाओ’ वाले बयान पर पलटवार करते हुए निशिकांत दुबे ने कहा, “अगर आप इतने बड़े ‘बॉस’ हैं, तो महाराष्ट्र से बाहर निकलकर आएं, बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु में आएं, तुमको पटक-पटक कर मारेंगे।” उन्होंने MNS पर निशाना साधते हुए कहा कि वे “हमारे पैसे से जी रहे हैं” और मराठी भाषा थोपने की कोशिश कर रहे हैं।
दुबे ने महाराष्ट्र में उद्योगों की कमी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “वहां टाटा है, बिरला है, रिलायंस है, कोई महाराष्ट्र में यूनिट नहीं है, टाटा ने पहली फैक्ट्री बिहार में बनाई, कौनसी इंडस्ट्री है तुम्हारे पास? माइंस हमारे पास है, माइंस झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के पास है, आपके पास क्या है? आपके पास कौनसी माइंस है? सारी सेमीकंडक्टर की इंडस्ट्री गुजरात में है। आप हमारा शोषण करते हो, मराठी एक आदरणीय भाषा है। आपके पास किस तरह के उद्योग हैं?” उन्होंने आगे कहा कि यदि MNS इतनी हिम्मतवाला है और हिंदी बोलने वालों को पीट रहा है, तो उसे उर्दू, तमिल और तेलुगु बोलने वालों को भी पीटना चाहिए।
सस्ती राजनीति का आरोप: निशिकांत दुबे ने भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले सभी मराठी और महाराष्ट्र के लोगों का सम्मान करने की बात कही, लेकिन साथ ही राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर BMC चुनाव से पहले “सस्ती राजनीति” करने का आरोप लगाया। उन्होंने राज ठाकरे को चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो माहिम दरगाह जाकर किसी भी हिंदी या उर्दू बोलने वाले व्यक्ति की पिटाई करके दिखाएं।
इससे पहले, निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी इस मुद्दे पर कटाक्ष किया था, लिखा था, “अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है। हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वालों में यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ। अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता कौन शेर खुद ही फैसला कर लो।”