वाराणसी: रामनगर-पड़ाव सड़क चौड़ीकरण में मुआवजे को लेकर विवाद, कम दर से भुगतान के विरोध में PMO को ज्ञापन

वाराणसी, 7 जुलाई, 2025: वाराणसी के रामनगर से पड़ाव तक सड़क चौड़ीकरण परियोजना में भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। प्रभावित भू-धारकों ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनसंपर्क कार्यालय पर ज्ञापन सौंपा, जिसमें राजस्व दर ₹9,000 प्रति वर्ग मीटर के स्थान पर ₹950 प्रति वर्ग मीटर मुआवजा निर्धारित किए जाने का विरोध किया गया।

सैकड़ों लोगों के मकान, दुकान और बाउंड्री वॉल को बिना नोटिस और बिना मुआवजा दिए तोड़ने का आरोप है। प्रभावित लोगों का कहना है कि चंदौली के भू-राजस्व विभाग द्वारा जारी अभिलेखों में इस रोड सेगमेंट का सरकारी मूल्य ₹9,000 प्रति वर्ग मीटर निर्धारित है, और इसी दर पर कई वर्षों से उस क्षेत्र में जमीनों की खरीद-बिक्री की रजिस्ट्री हो रही है।


दोहरी नीति का आरोप

हालांकि, जिलाधिकारी चंदौली द्वारा बनाई गई समिति ने उक्त क्षेत्र को कृषि क्षेत्र मानते हुए ₹950 प्रति वर्ग मीटर का मुआवजा निर्धारित किया है। वहीं, दूसरी ओर मोहन सराय से कैंट तक बन रही सड़क पर सरकारी सर्किल रेट के अनुसार ही सभी को मुआवजा दिया जा रहा है। प्रभावित भू-धारकों ने सवाल उठाया है कि आखिर इन दोनों सड़कों के मुआवजा राशि देने में यह फर्क क्यों किया जा रहा है।


प्रभावित भू-धारकों की मांग

पड़ाव-रामनगर-टेंगरा मोड़ फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत लगभग 15% भू-धारक प्रभावित हो रहे हैं। इन्हीं भू-धारकों की मांग है कि उन्हें रोड सेगमेंट सर्किल रेट की दर से मुआवजा दिया जाए। उनका कहना है कि शेष 85% रोड लगभग आबादी, बंजर और काशी नरेश स्टेट से संबंधित है। प्रभावितों ने ज्ञापन में इस बात पर भी जोर दिया कि शासन द्वारा रोड सेगमेंट सर्किल रेट से सभी भू-धारकों को मुआवजा देने के निर्देश की अवहेलना पड़ाव से रामनगर रोड निर्माण में क्यों की जा रही है।

इस मामले को लेकर अब प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन दिया गया है, जिससे इस मुद्दे पर जल्द से जल्द न्याय मिलने की उम्मीद है।


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