Varanasi News : उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड) मऊ के हिस्ट्रीशीटर शेख मुद्दस्सीर के सऊदी कनेक्शन की गहन जांच कर रही है, जिसे मंगलवार को फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर पासपोर्ट बनवाकर सऊदी अरब भागने की फिराक में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। एटीएस को मुद्दस्सीर के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेन-देन, बैंक खातों, मोबाइल सीडीआर और व्हाट्सएप चैट से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।
सऊदी अरब से लगातार संपर्क और आपराधिक मंशा
एटीएस की जांच में सामने आया है कि शेख मुद्दस्सीर की सऊदी अरब के कुछ संदिग्ध व्यक्तियों से लगातार बातचीत हो रही थी। उसके मोबाइल और जब्त सिम कार्ड की जांच से पता चला है कि वह न केवल फर्जी पासपोर्ट के ज़रिए देश से फरार होने की तैयारी में था, बल्कि संभावित आपराधिक गतिविधियों के लिए विदेश से मदद लेने की फिराक में भी था। सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि उसके फर्जी पासपोर्ट, आधार, पैन और अन्य दस्तावेज़ तैयार करने में किन लोगों का हाथ है। जैतपुरा थानाध्यक्ष बृजेश मिश्रा ने बताया कि शेख मुद्दस्सीर के पीछे और भी लोग हैं, जिन्होंने जाली दस्तावेज़ तैयार कराने और पासपोर्ट बनवाने में उसकी मदद की है।
मऊ के पुराने मुकदमों की होगी जांच और ED को रिपोर्ट
एटीएस ने मऊ पुलिस से शेख मुद्दस्सीर पर दर्ज नौ पुराने मुकदमों की विस्तृत जानकारी मांगी है। इन मुकदमों में कई गंभीर आरोप शामिल हैं, जिनकी तह तक जाकर उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि और संबंधों की जांच की जा रही है। एटीएस की जांच के आधार पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट भेजे जाने की तैयारी है, ताकि शेख मुद्दस्सीर के विदेश दौरे, धन के स्रोत और पासपोर्ट प्रक्रिया में हुई चूक की ज़िम्मेदारी तय की जा सके।
यह जांच देश की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जो फर्जी दस्तावेज़ों के नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का पर्दाफाश कर सकती है।