Varanasi News : वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अब गंगा में नौका संचालन के समय में बदलाव किया गया है। जल पुलिस के अनुसार, पर्यटकों की सुरक्षा के लिए नावें अब केवल सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही चलेंगी। इससे पहले, नावों का संचालन रात 8 बजे तक होता था।
एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि काशी आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु नाव से गंगा घाटों और आरती का दर्शन करते हैं, और चूंकि गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ा है, यह निर्णय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। जल पुलिस के प्रभारी राजकिशोर पांडेय ने स्पष्ट किया है कि लाइफ जैकेट के बिना किसी को भी नाव पर नहीं बैठाया जाएगा और नए समय का सख्ती से पालन किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि जो नाविक निर्धारित समय-सीमा के बाद नावों का संचालन करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गंगा में तेज़ उफान, घाटों पर असर
गंगा की उमड़ती जलधारा ने अब घाटों पर होने वाले अनुष्ठान कार्यक्रमों सहित जनजीवन को भी अस्त-व्यस्त कर दिया है। दशाश्वमेध घाट पर स्नान कर बाबा विश्वनाथ के गंगा द्वार तक पहुंचने का रास्ता भी पानी बढ़ने के कारण बंद हो गया है।
बीते 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 115 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, और पानी हर घंटे लगभग पांच सेंटीमीटर की गति से ऊपर आ रहा है। बुधवार शाम 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 64.50 मीटर पर पहुंच गया था, जबकि मंगलवार को यह 63.35 मीटर था। मणिकर्णिका घाट से पहले के अधिकांश घाटों पर पानी चढ़ चुका है, जिससे पर्यटक अब केवल एक से तीन-चार घाटों तक ही आवाजाही कर पा रहे हैं। इसके बाद सभी घाटों के बीच का संपर्क टूट गया है। वहीं, सिंधिया घाट से लेकर नमो घाट तक स्थिति थोड़ी बेहतर है, जहाँ पानी घाटों पर उतना ज्यादा नहीं चढ़ा है।