Balrampur News: हैवान छांगुर ने कराए डेढ़ हजार से ज्यादा हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण, मुंबई-दुबई में था नेटवर्क

Story of Chhangur Baba: अवैध धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार ‘छांगुर बाबा’ ने तीन से चार हजार से अधिक हिंदुओं को निशाना बनाया था, जिनमें 1500 से अधिक महिलाएं होने की आशंका है। इस हैवानियत भरे धर्मांतरण रैकेट की जांच अब यूपी एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड) कर रही है, जिसने इसके पुख्ता सुराग पाए हैं। हैरानी की बात यह है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस कथित तौर पर इससे आंखें मूंदे हुए थे।


अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और फंडिंग का खुलासा

एसटीएफ की शुरुआती जांच रिपोर्ट के अनुसार, बलरामपुर आने से पहले छांगुर बाबा का नेटवर्क महाराष्ट्र और दुबई में भी फैला हुआ था। उसने मुंबई में एक दरगाह के बाहर अंगूठी बेचते हुए अवैध धर्मांतरण के एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा बना लिया था। खाड़ी देशों की कई संस्थाओं में उसकी गहरी पैठ थी, जो हिंदुओं को इस्लाम में शामिल करने में जुटी हैं। बलरामपुर आने के बाद उसने आसपास के जिलों में भी अवैध धर्मांतरण कराना शुरू कर दिया।

एटीएस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय लेन-देन, बैंक खातों, मोबाइल सीडीआर और व्हाट्सएप चैट से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। विदेशों से आने वाली रकम कई एनआरई-एनआरओ खातों से भेजी गई थी, जिसकी जांच की जा रही है।


धर्मांतरण के तरीके और स्थानीय मिलीभगत

छांगुर बाबा के करीबी रिश्तेदार और अनुयायी जगह-जगह जाकर लोगों को इस्लाम धर्म में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के कार्यक्रम करते थे। उसके कई रिश्तेदारों पर दो साल पहले आजमगढ़ में भी इसी तरह अवैध धर्मांतरण कराने का मुकदमा दर्ज हुआ था। एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के अनुसार, छांगुर बाबा ने बलरामपुर और आसपास के जिलों में पुलिस, प्रशासन और एलआईयू के कुछ अफसरों को मुंहमांगी रकम देकर खरीद लिया था। इसी वजह से उसका विरोध करने वालों पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया जाता था, और उसके समर्थक विरोध करने वालों के साथ मारपीट कर पीड़ितों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करा देते थे।

एटीएस के वकील ने अदालत को बताया कि जमालुद्दीन (छांगुर बाबा) गरीबों, असहाय मजदूरों, कमजोर वर्ग के लोगों, और विधवा महिलाओं को आर्थिक मदद, शादी कराने और नौकरी का लालच देकर अवैध धर्मांतरण कराता था। कई लोगों का धर्मांतरण डरा-धमकाकर भी कराया गया।


‘भारत को इस्लामी मुल्क बनाना’ था मंसूबा

एटीएस की कोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, जमालुद्दीन उर्फ छांगुर का मंसूबा बलरामपुर व आसपास के जिलों की धार्मिक बसावट बदलना था। वह गैर-मुस्लिमों को इस्लाम अपनाने के लिए हर तरह का लालच देता था। एटीएस ने बताया कि उसका मंसूबा बलरामपुर में इस्लामी दावा केंद्र और मदरसा बनाने का था। एटीएस ने आरोप लगाया कि वह हिंदू धर्म के प्रति नफरत फैलाकर भारत को इस्लामी मुल्क बनाना चाहता था।


जांच और आगे की कार्रवाई

छांगुर बाबा और उसकी करीबी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को अदालत ने बुधवार को सात दिन की रिमांड पर एटीएस के सुपुर्द करने का आदेश दिया है, जिसकी अवधि बृहस्पतिवार से शुरू होगी। इस दौरान आईबी और एनआईए के अधिकारी भी छांगुर बाबा से पूछताछ करेंगे।

जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा मधपुर ग्राम में स्थित चांद औलिया दरगाह में सालाना उर्स कराता था, जिसमें विदेश से भी लोग आते थे। उसने नवीन घनश्याम और नीतू की नाबालिग बेटी का दुबई में धर्मांतरण कराया था, जिसके लिए उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की तैयारी है। गौरतलब है कि तीनों के धर्म परिवर्तन के बावजूद उनके पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाते हिंदू नाम से ही हैं।

छांगुर का साथी नवीन रोहरा दुबई से बलरामपुर आने के बाद बड़ी संख्या में जमीनें खरीद रहा था। उसके खाते में विदेश से करोड़ों रुपये आए, जिनमें ज्यादातर उसकी पत्नी नीतू, छांगुर और महबूब के खातों में ट्रांसफर किए गए। स्विस बैंक में भी नवीन का खाता होने की बात कही जा रही है।

एटीएस रिमांड के दौरान छांगुर और नीतू को बलरामपुर ले जाएगी, जहाँ धर्मांतरण से जुड़े दस्तावेज बरामद किए जाने हैं। साथ ही, उनसे विदेश से हो रही फंडिंग, उनके मोबाइल समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से डेटा, और गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी पूछताछ की जाएगी। उम्मीद है कि इनसे अवैध धर्मांतरण से जुड़े अहम सुबूत मिलेंगे।

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