Sawan 2025 : सावन के पवित्र महीने में श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को अब एक नया अनुभव मिलेगा। कमिश्नरेट पुलिस ने दर्शनार्थियों के साथ सौम्य और सहयोगात्मक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए विशेष तैयारी की है। अब पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को ‘सर’ या ‘मैडम’ कहकर संबोधित करेंगे। इसके लिए पुलिसकर्मियों को विशेष काउंसिलिंग और प्रशिक्षण भी दिया गया है।
‘नो-टच नीति’ और सख्त नियम
‘नो-टच नीति’ के तहत, किसी भी श्रद्धालु, खासकर महिलाओं को, बिना किसी आवश्यक कारण के स्पर्श नहीं किया जाएगा। सावन की पूर्व संध्या पर गुरुवार को पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में तैयारियों का जायजा लिया और पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए बेहतर अनुभव देने का निर्देश दिया।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए पुलिस आयुक्त ने सीसीटीवी कैमरों की क्रियाशीलता, एंटी-ड्रोन का प्रभावी प्रयोग, प्रवेश द्वारों की निगरानी और आतंकी व संदिग्ध गतिविधियों पर त्वरित प्रतिक्रिया के लिए “रैपिड-रिस्पांस यूनिट” को प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। सीसीटीवी कंट्रोल रूम में तैनात पुलिसकर्मियों को चेन-स्नैचर और पिक-पॉकेट जैसे असामाजिक तत्वों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है, ताकि अपराधों को समय रहते रोका जा सके। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेहतर कतार-व्यवस्था और गाइडिंग-स्टाफ की तैनाती भी सुनिश्चित की जाएगी।
पुलिसकर्मियों के लिए सख्त दिशा-निर्देश
पुलिसकर्मियों के लिए कई सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं:
- किसी भी दुर्व्यवहार की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग नहीं करेंगे।
- नशे से दूर रहने और साफ-सुथरी वर्दी व पहचान पत्र अनिवार्य रूप से धारण करने के निर्देश दिए गए हैं।
- सेलिब्रिटीज के साथ सेल्फी या फोटो लेने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
- वृद्ध, दिव्यांग और महिलाओं के लिए प्राथमिकता दर्शन व्यवस्था और भीड़ के समय विशेष मार्गदर्शन प्रणाली लागू की जाएगी।
- सादे वस्त्रों में महिला पुलिसकर्मी छेड़खानी करने वाले तत्वों पर नजर रखेंगी।
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि श्रद्धालुओं के साथ बेहतर व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए मुंबई से आए विशेषज्ञों ने पुलिसकर्मियों को तीन बैचों में काउंसिलिंग और प्रशिक्षण दिया है। इस पहल का उद्देश्य सावन के दौरान लाखों शिवभक्तों को काशी विश्वनाथ धाम में एक सुरक्षित, व्यवस्थित और सुखद दर्शन अनुभव प्रदान करना है।