वाराणसी, 12 जुलाई, 2025: महाराष्ट्र में हिंदी भाषी लोगों पर हो रहे कथित हमलों के विरोध में समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने आज वाराणसी के शास्त्रीघाट, वरुणापुल पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे का पुतला फूंका। इस प्रदर्शन का नेतृत्व समाजवादी पार्टी “यूथ ब्रिगेड” के राष्ट्रीय सचिव जीशान अन्सारी ने किया।
“घटिया और नीच कृत्य”: ज़ीशान अन्सारी
प्रदर्शन के दौरान, ज़ीशान अन्सारी ने कहा, “जिस प्रकार महाराष्ट्र में हिंदी भाषा बोलने वाले लोगों पर हमले और अत्याचार किए जा रहे हैं, यह बेहद ही घटिया व नीच कृत्य है। यह राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की कुत्सित मानसिकता को दर्शाता है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसी तरह भाषा के आधार पर हिंसा होती रही तो देश में अराजकता फैल जाएगी।
अन्सारी ने आगे कहा कि पूरे महाराष्ट्र में हिंदी पट्टी के लोग अपनी आजीविका कमाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “यदि ये मेहनतकश लोग महाराष्ट्र छोड़कर चले गए तो पूरा महाराष्ट्र ठप हो जाएगा।” उन्होंने फिल्म जगत का उदाहरण देते हुए कहा कि पूरा फिल्म उद्योग हिंदी फिल्में और हिंदी धारावाहिक ही बनाता है। उन्होंने ठाकरे बंधुओं को चुनौती देते हुए कहा, “अगर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की हिम्मत है तो पूरी फिल्म इंडस्ट्री को भी महाराष्ट्र से बाहर निकाल कर दिखाएं।”
अन्सारी ने इस बात पर भी जोर दिया कि महाराष्ट्र में समय-समय पर होने वाली ऐसी घटनाओं पर सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार, दोनों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए आशंका जताई कि “भाजपा इस तरह के हमले से महाराष्ट्र में होने वाले बीएमसी चुनाव और बिहार चुनाव में इसका लाभ तो नहीं उठाना चाहती।”
“शिवसेना-मनसे गुंडों की पार्टी”: शुभम सेठ गोलू
समाजवादी पार्टी के नेता और समाजसेवी शुभम सेठ गोलू ने शिवसेना और मनसे को “गुंडों की पार्टी” करार दिया और कहा कि इसके सरगना उद्धव ठाकरे व राज ठाकरे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करने और राज्य सरकार को सख्त निर्देश देने का निवेदन किया। शुभम सेठ गोलू ने चेतावनी दी कि यदि स्थिति नहीं संभलती है तो राज्य सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।
इस विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से अमरेन्द्र पांडेय, आलोक सौरभ, उरूज़ रफी, रितेश गुप्ता, अमित कुमार, कैफ, रजत, परवेज़, वीरेंद्र, शमशाद आदि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल रहे।