Sawan 2025 : शिव भक्तों सावन का पावन महीना आ गया है और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आप सब काशी आने की तैयारी में होंगे। इस साल भी डेढ़ करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालु बनारस आने की उम्मीद है। इतनी भीड़ में आपकी यात्रा ज़रा भी अटके नहीं, इसके लिए ‘संपन्न भारत न्यूज़’ आपके लिए लाया है कुछ खास टिप्स, जो आपकी काशी यात्रा को सचमुच ‘सुलभ’ और ‘सुगम’ बना देंगे। तो, आइए जानते हैं किन बातों का रखना है ध्यान…
दर्शन से पहले इन बातों का गांठ बांध लें!
सबसे ज़रूरी बात, जब आप विश्वनाथ मंदिर जाएँ तो फोन या बैग बिल्कुल न ले जाएँ। ऐसा इसलिए, क्यों कि भीड़ के चलते अंदर लॉकर की सुविधा नहीं मिलेगी, और आप बेवजह परेशान होंगे। अपना सामान होटल या धर्मशाला में ही छोड़कर निकलें।
जान लीजिए, दर्शन में 5-6 घंटे का समय लग सकता है, खासकर सोमवार को। इसलिए, खाली पेट लाइन में लगने की गलती बिल्कुल न करें थोड़ा-बहुत खाकर ही निकलें। मंदिर परिसर में ही आपको माला-फूल, दूध, प्रसाद के काउंटर मिलेंगे। पीने के पानी, ग्लूकोज/ओआरएस घोल और गुड़ की भी व्यवस्था रहेगी, ताकि आपको कोई दिक्कत न हो। छोटे बच्चों के लिए दूध और बड़े बच्चों के लिए चॉकलेट-बिस्किट भी मंदिर में उपलब्ध होंगे, है ना अच्छी खबर!
वाहनों की टेंशन छोड़िए, पैदल चलिए या निशुल्क सेवा का लाभ उठाइए
काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास लगभग 2 किलोमीटर का इलाका, यानी मैदागिन से गोदौलिया तक, सावन के दौरान नो व्हीकल ज़ोन रहेगा। चिंता न करें, यहाँ 18 गोल्फ कार्ट और ई-रिक्शा बिल्कुल मुफ्त चलेंगे। बस, व्हील चेयर के पैसे लगेंगे।
अगर आप अपनी गाड़ी से आ रहे हैं तो पार्किंग की टेंशन न लें शहर में लगभग 30 जगहों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जिनमें भाष्करा पोखरा, मुड़ैला, रेलवे स्टेडियम लहरतारा, सिगरा में नटराज सिनेमा के पास जैसे कई बड़े स्थान शामिल हैं। बेहतर होगा कि आप सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें क्यों कि भीड़ बहुत ज़्यादा होगी।
एंट्री कहां से और भीड़ से कैसे बचें?
श्रद्धालुओं को छह अलग-अलग द्वारों से प्रवेश दिया जाएगा (गेट नंबर चार, चार बी, नंदू फारिया, सिल्को गली, ढुंढिराज प्रवेश मार्ग और सरस्वती फाटक)। अभी गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है, इसलिए ललिता घाट से एंट्री अस्थायी रूप से बंद है, लेकिन जलस्तर कम होने पर यह भी खुल सकता है।
एक बात का खास ध्यान रखें, सावन में सोमवार को स्पर्श दर्शन, विशेष दर्शन या सुगम दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। किसी के बहकावे में न आएँ और पैसा देकर विशेष दर्शन की कोशिश न करें। अगर कोई आपसे पैसे मांगता है, तो तुरंत पुलिस या मंदिर कर्मचारी से शिकायत करें। मंदिर में हेल्प डेस्क भी रहेगी, जहाँ आप अपनी समस्या बता सकते हैं।
आरती के लिए भी एक ज़रूरी बात जान लें: सावन के पूरे महीने के लिए चार प्रहर की आरती के टिकट पहले ही बुक हो चुके हैं। अब नए टिकट नहीं मिल पाएंगे। अगर आप डिजिटल दर्शन करना चाहते हैं, तो धाम परिसर और शहर के प्रमुख चौराहों पर बाबा विश्वनाथ की आरती के डिजिटल दर्शन की व्यवस्था की गई है। आप काशी विश्वनाथ मंदिर के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग देख सकते हैं।
स्वास्थ्य और सुविधा का भी रखा गया है पूरा ध्यान
आपको ज़रा भी असहज महसूस हो तो घबराएँ नहीं पांच स्थानों पर इलाज की सुविधा रहेगी और डॉक्टरों की टीम तैनात रहेगी। मंदिर न्यास की ओर से दो एंबुलेंस भी होंगी, जिनमें से एक में एडवांस लाइफ सपोर्ट की सुविधा होगी।
खोया-पाया केंद्र भी धाम में छह जगहों पर बनाए गए हैं, ताकि अगर कोई बिछड़ जाए तो आसानी से मिल सके।
घूमने और ठहरने के लिए भी खास टिप्स
वाराणसी में बाबा के दर्शन के बाद अगर आप आसपास के दर्शनीय स्थलों जैसे कालभैरव, संकटमोचन मंदिर, सारनाथ आदि घूमना चाहते हैं, तो टैक्सी या ई-रिक्शा की बुकिंग एडवांस में ही कर लें।
शाम को दशाश्वमेध, अस्सी और केदारघाट पर होने वाली गंगा आरती का अनुभव अद्भुत होता है। अगर आप सबसे आगे बैठकर आरती देखना चाहते हैं, तो शाम 4:30 बजे तक आरती स्थल पर पहुँच जाएँ। (बाढ़ के कारण इस बार आरती सांकेतिक होगी)।
होटल बुकिंग की बात करें तो, काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के 2 किलोमीटर के दायरे में होटल मिलना मुश्किल होगा। इसलिए, चौक, बांसफाटक, गोदौलिया, दशाश्वमेध, लक्सा, मैदागिन जैसे क्षेत्रों में ऑनलाइन होटल बुकिंग पहले ही कर लें। इन सभी जगहों से मंदिर तक पहुँचने के कई साधन उपलब्ध हैं।
तो, इन सभी बातों का ध्यान रखकर अपनी काशी यात्रा को सफल और यादगार बनाइए। हर हर महादेव!