धर्मांतरण और देश विरोधी गतिविधियों के आरोपी बलरामपुर के जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के जिहादी नेटवर्क की जाँच अब श्रावस्ती के इकौना तक पहुँच गई है। प्रशासन सैयद सिराजुद्दीन हाशमी से छांगुर के ‘लिंक’ की तलाश में जुटा है। इसी कड़ी में जाँच टीम ने इकौना देहात स्थित एक मदरसा को सील कर दिया है और वहाँ से कई महत्वपूर्ण अभिलेख अपने साथ ले गई है।
‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर ‘श्रावस्ती में भी मिले छांगुर के कनेक्शन, कसेगा शिकंजा’ का संज्ञान लेते हुए, पुलिस और प्रशासनिक टीम शनिवार को इकौना देहात के रहमान पुरवा स्थित जामिया नूरिया फातिमा लिल बनात संस्था/मदरसा पहुँची। एडीएम अमरेंद्र कुमार वर्मा के नेतृत्व में पहुँची टीम ने मदरसा को सील कर दिया और वहाँ मौजूद सभी दस्तावेज़ अपने कब्जे में ले लिए।
क्या है मदरसे का कनेक्शन?
गुजरात के वडोदरा जिले के धोबोई निवासी सैयद सिराजुद्दीन हाशमी ने 2019 में इकौना देहात के रहमान पुरवा में यह मदरसा बनवाया था। यह एक आवासीय बालिका मदरसा था, जहाँ 300 छात्राएँ रहकर शिक्षा ग्रहण कर रही थीं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस मदरसे की कोई मान्यता नहीं थी। बाद में सैयद सिराजुद्दीन हाशमी ने मदरसे के बगल में लगभग दो बीघा ज़मीन और खरीदी और उस पर भवन निर्माण शुरू करवाया था।
बीते 1 मई, 2025 को एसडीएम की जाँच में मदरसा संचालन से संबंधित कोई अभिलेख नहीं मिले थे, जिसके बाद 3 मई, 2025 को डीएम के निर्देश पर मदरसे को सील कर दिया गया था। चूंकि मदरसे में सैयद सिराजुद्दीन हाशमी का आवास भी था, इसलिए आवासीय परिसर को बाद में खोल दिया गया था, लेकिन मदरसा सील ही रहा।
अब छांगुर मामले में सैयद सिराजुद्दीन हाशमी का नाम सामने आने के बाद, एडीएम अमरेंद्र कुमार वर्मा, एसडीएम ओम प्रकाश, सीओ भिनगा सतीश शर्मा, नायब तहसीलदार अमरेश कुमार, एसओजी टीम प्रभारी नितिन यादव और एसओ अखिलेश पांडेय की टीम ने दोबारा मदरसा का दौरा किया और वहाँ रखे अभिलेख अपने साथ ले गई।
बैंक खातों और फंडिंग की भी होगी जाँच
सैयद सिराजुद्दीन हाशमी की ससुराल बलरामपुर के उतरौला में है। ऐसा माना जा रहा है कि उतरौला आने-जाने के दौरान ही वह छांगुर के संपर्क में आया और उसके बाद उसका उतरौला आना-जाना बढ़ गया। अब जाँच टीम इस बात का पता लगा रही है कि सैयद सिराजुद्दीन हाशमी और छांगुर के बीच क्या संबंध हैं।
छापेमारी के दौरान सैयद सिराजुद्दीन हाशमी के तीन बैंक खातों का भी खुलासा हुआ है। इनमें से एक खाता स्थानीय बैंक में है, जबकि दो गुजरात के बैंकों में हैं। इन सभी बैंक खातों की जाँच बैंक और ट्रेजरी के अधिकारियों से कराई जाएगी।
डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मदरसे से मिले अभिलेख उर्दू में हैं, जिनका पहले अनुवाद कराया जाएगा और फिर उनकी जाँच की जाएगी। साथ ही, यह भी पता लगाया जाएगा कि मदरसे में पढ़ने वाली छात्राएँ कहाँ से आई थीं और वर्तमान में वे कहाँ हैं। उतरौला आने-जाने के सैयद सिराजुद्दीन हाशमी के उद्देश्यों, मदरसा निर्माण के लिए पैसा कहाँ से आया, और कहीं किसी अन्य देश विरोधी गतिविधि में भी उसकी संलिप्तता तो नहीं है, इन सभी पहलुओं पर भी गहन जाँच की जाएगी।