लखनऊ: रेलवे स्टेशनों पर अक्सर बच्चे बिछड़ जाते हैं या किसी अनजाने खतरे का शिकार हो जाते हैं। ऐसे ही मासूमों की ज़िंदगी बचाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF) लगातार ‘ऑपरेशन नन्हे फ़रिश्ते’ चलाता रहता है। इसी कड़ी में, लखनऊ मंडल में एक बार फिर RPF की टीम ने शानदार काम किया है।
देवांश शुक्ला के निर्देश पर टीम ने किया कमाल
लखनऊ मंडल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, श्री देवांश शुक्ला के निर्देश पर एक विशेष टीम बनाई गई। इस टीम में सहायक उप निरीक्षक धर्मेंद्र यादव, महिला कांस्टेबल प्रियंका मणि दुबे, महिला कांस्टेबल निशा और DEAR संस्था से गीता देवी शामिल थीं। इस जांबाज टीम ने लखनऊ स्टेशन पर गहन चेकिंग अभियान चलाया।
प्लेटफार्म से फुट ओवरब्रिज तक, 5 बच्चों को किया रेस्क्यू
चेकिंग के दौरान, टीम ने सबसे पहले प्लेटफार्म संख्या 8/9 पर तीन बच्चों को अकेला पाया:
- अभिषेक (10), पिता अर्जुन
- अंशु (9), पिता अर्जुन
- रोहन (9), जिसके पिता का नाम अभी पता नहीं चल पाया है
इसके बाद, नए फुट ओवरब्रिज पर एक 8 साल का मूक-बधिर बच्चा मिला, जिसका नाम-पता भी अज्ञात था। आखिर में, न्यू यात्री हॉल से सोनू (उम्र ज्ञात नहीं), पुत्र सूरज लाल, को भी सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।
कुल मिलाकर, रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने आज पाँच मासूम बच्चों को बचाकर एक बेहतरीन काम किया है। इन सभी बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उन्हें तुरंत रेलवे चाइल्डलाइन के सुपुर्द कर दिया गया है। RPF की यह पहल वाकई सराहनीय है, जो इन नन्हे फरिश्तों को एक सुरक्षित भविष्य दे रही है।