दुबई: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी दुबई यात्रा के दूसरे दिन, 14 जुलाई को, जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) के पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) क्षेत्र में, विशेष रूप से जैन व्यावसायिक समुदाय के साथ मध्य प्रदेश में संभावित सहयोग और व्यापारिक अवसरों की तलाश करना था।
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के हित में व्यापार और निवेश की संभावनाओं पर ज़ोर दिया, जिससे राज्य को आर्थिक लाभ मिल सके। इस दौरान, उन्होंने JITO समूह के चेयरमैन श्री मुकेश वोरा से भी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय भेंट की, जहाँ मध्यप्रदेश में निवेश एवं औद्योगिक सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
MP-JITO निवेश फोरम और वार्षिक संयुक्त व्यापार फोरम का प्रस्ताव
बैठक में एमपी-जेआईटीओ निवेश फोरम की स्थापना का एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिया गया। साथ ही यह भी प्रस्तावित किया गया कि दुबई में एक वार्षिक संयुक्त व्यापार फोरम का आयोजन किया जाए। इस मंच पर मध्यप्रदेश की प्रमुख परियोजनाओं को प्रदर्शित किया जा सकेगा, जिनमें शामिल हैं:
- लॉजिस्टिक्स
- औद्योगिक पार्क
- इलेक्ट्रिक वाहन
- फूड प्रोसेसिंग
- सेमीकंडक्टर
यह संयुक्त फोरम द्विपक्षीय संवाद और समझौता ज्ञापनों (MoUs) के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बनेगा, जिससे मध्य प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
जैन प्रवासी समुदाय से जुड़ाव और वैश्विक बाज़ार तक पहुँच
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश की नई लॉजिस्टिक्स नीति पर भी प्रकाश डाला, जो निर्यातकों के साथ-साथ अधोसंरचना डेवलपर्स को भी प्रोत्साहन देती है। बैठक में दुबई स्थित कौशल विकास संस्थानों और मध्यप्रदेश के ग्लोबल स्किल पार्क के बीच प्रशिक्षण साझेदारियों की स्थापना का सुझाव दिया गया।
प्रस्तावना में यह भी कहा गया कि वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट के तहत दालों, तिलहन और प्रोसेस्ड फूड जैसे कृषि उत्पादों को राज्य के व्यापार प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से प्रचारित किया जाए। इससे जैन प्रवासी समुदाय से जुड़ाव बढ़ेगा और उत्पादों को वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचने में मदद मिलेगी।
पायलट प्रोजेक्ट्स और कॉर्पोरेट सहयोग पर ज़ोर
बैठक में जैन कॉर्ड, भीलवाड़ा एनर्जी ग्रुप जैसी कंपनियों के साथ मध्यप्रदेश में ग्रीनफील्ड टेक्सटाइल मिलों की स्थापना पर भी विचार किया गया। बसई, उज्जैन और मंदसौर में फूड पार्कों के लिए दुबई स्थित जेआईटीओ से जुड़े टेक्सटाइल कॉरपोरेट्स के साथ सहयोग की संभावनाएँ तलाशी गईं। इसके अतिरिक्त, दुबई की क्लीनटेक कंपनियों को राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा नीति के अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट्स हेतु आमंत्रित करने का प्रस्ताव भी दिया गया।
शासन की रणनीतिक भागीदारी और सहयोग
चर्चा इस बात पर भी हुई कि मध्यप्रदेश शासन और जेआईटीओ के बीच किस तरह रणनीतिक भागीदारी और सहयोग को मज़बूत किया जा सकता है। बैठक में मध्यप्रदेश शासन द्वारा उच्चस्तरीय गणमान्य व्यक्तियों जैसे शेख नहयान बिन मुबारक अल नहयान (यूएई मंत्री), सुंजय सुधीर (भारतीय राजदूत), और डीपी वर्ल्ड के वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित करने का प्रस्ताव दिया गया। साथ ही, यूएई-केंद्रित व्यापार रणनीति और अफ्रीका-आधारित व्यापार अवसरों पर सत्रों की पहल करने की बात भी हुई।
MP के लिए JITO दुबई का महत्व
यह साझेदारी मध्यप्रदेश के अधिकारियों को ऐसे निवेशकों से जोड़ेगी जो बड़े अधोसंरचना और औद्योगिक परियोजनाओं में निवेश करना चाहते हैं। प्रवासी जैन उद्यमियों और पेशेवरों के माध्यम से राज्य-विशेष निवेश और जानकारियाँ साझा हो सकती हैं। जेआईटीओ के माध्यम से मध्यप्रदेश प्रतिनिधिमंडल लॉजिस्टिक्स, कृषि-व्यवसाय, पर्यटन और एमएसएमई क्षेत्रों में लक्षित समझौते कर सकता है। यह सहयोग यूएई में मध्यप्रदेश को एक निवेश-मैत्रीपूर्ण और वैश्विक रूप से जुड़ा हुआ राज्य प्रदर्शित करने में सहायक होगा।
JITO के प्रमुख कार्यक्षेत्र
2008 में स्थापित JITO दुबई, जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) की एक अंतरराष्ट्रीय शाखा है, जिसके भारत और विश्वभर में 57 से अधिक चेप्टर हैं। JITO मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में काम करता है:
- रियल एस्टेट-प्रॉपर्टी डेवलपमेंट
- वस्त्र, यार्न और फैब्रिक निर्माण
- औषधि, जैव प्रौद्योगिकी, क्लिनिकल रिसर्च
- सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), बीपीओ-केपीओ
- ऑटोमोबाइल पार्ट्स-इंजीनियरिंग
- वित्त, बैंकिंग-बीमा
- रत्न-आभूषण
- खाद्य एवं पेय पदार्थ
- निर्माण, सीमेंट-धातु उद्योग
- परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स
यह बैठक मध्य प्रदेश के लिए वैश्विक निवेश आकर्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।