UP: जौनपुर में एसपी की बड़ी कार्रवाई, रिश्वत और धमकी के आरोप में इंस्पेक्टर समेत चार निलंबित

जौनपुर जिले में पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ कुमार ने रिश्वत लेने और हाईकोर्ट में दायर याचिका वापस लेने की धमकी देने के आरोप में एक इंस्पेक्टर, एक लेखपाल और दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। यह बड़ी कार्रवाई मुंगराबादशाहपुर के बड़ागांव में ग्राम समाज की भूमि विवाद से जुड़े एक मामले में की गई है।

निलंबित होने वालों में मुंगराबादशाहपुर के इंस्पेक्टर दिलीप कुमार सिंह, सिपाही पंकज मौर्य, नीतीश गौड़ और लेखपाल विजय शंकर शामिल हैं। इन तीनों सिपाही और लेखपाल के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

क्या था पूरा मामला?

बड़ागांव निवासी गौरीशंकर सरोज ने 30 मई, 2025 को हाईकोर्ट में ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जे के विरोध में एक याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस पर संबंधित थाने से जवाब मांगा।

इसके बाद, 17 मई, 2025 को सिपाही पंकज मौर्य, नीतीश गौड़ और लेखपाल विजय शंकर गौरीशंकर के घर पहुँचे और उन्हें याचिका वापस लेने के लिए धमकाया। जब उनके नाती रजनीश सरोज को हिरासत में लिया जाने लगा, तो कुछ दूर जाने पर सिपाहियों ने 2,000 रुपये की रिश्वत मांगी और पैसे मिलने पर उसे छोड़ दिया। पीड़ित ने अपने वकील के ज़रिए यह पूरा मामला कोर्ट के सामने रखा, और गौरीशंकर व रजनीश के बयान भी दर्ज किए गए।

एसपी पर भी दबाव का आरोप

कोर्ट ने 8 जुलाई, 2025 को जौनपुर एसपी को मामले की जानकारी इकट्ठा करने और 9 जुलाई, 2025 को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। ठीक इससे पहले, 8 जुलाई, 2025 की रात को थानाध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह पुलिस बल के साथ अधिवक्ता के बड़ागांव स्थित घर पर पहुँच गए और उन पर मुलाकात करने का दबाव बनाया। वकील के घर पर न होने पर उन्होंने परिजनों को भी धमकी दी। इस घटना के बाद वकील ने कोर्ट में शपथपत्र (एफिडेविट) पेश किया।

पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए, कोर्ट ने जौनपुर एसपी और उत्तर प्रदेश के गृह सचिव को आगामी 15 जुलाई, 2025 को अधिवक्ता के साथ इस घटनाक्रम को लेकर शपथपत्र के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है। कोर्ट के संज्ञान में आने के बाद, एसपी डॉ. कौस्तुभ कुमार ने तत्काल प्रभाव से इंस्पेक्टर, दोनों सिपाही और लेखपाल को निलंबित कर दिया।

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