कानपुर, उत्तर प्रदेश: कानपुर कोर्ट परिसर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला ने दो वकीलों पर चैंबर के अंदर रेप का प्रयास करने और जातिसूचक गालियां देने का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं, आरोपी वकीलों का कहना है कि यह चैंबर विवाद है और महिला चैंबर पर कब्ज़ा करने के उद्देश्य से ऐसे आरोप लगा रही है। पुलिस ने फिलहाल FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
महिला वकील के आरोप
स्वरूप नगर थाना क्षेत्र निवासी महिला ने बताया कि उनके दिवंगत पति वकील थे और कोर्ट परिसर में एक चैंबर में दूसरे वकील अंकित निगम के साथ बैठते थे। अंकित की मृत्यु के बाद, उनके पति ने 3 लाख रुपये देकर अंकित की पत्नी से चैंबर का आधा हिस्सा ले लिया था, जिसमें अधिवक्ता धीरज पांडे गवाह थे। महिला के अनुसार, कुछ समय बाद उनके पति का भी देहांत हो गया, जिसके बाद वह खुद कानून की पढ़ाई करने लगीं और उसी चैंबर में इंटर्नशिप भी करने लगीं।
महिला का आरोप है कि कुछ समय पहले धीरज पांडे अपने साथी अधिवक्ता कौशल उपाध्याय के साथ शराब पीकर आए और उनके साथ रेप का प्रयास किया। इसके साथ ही, दोनों ने उन्हें जातिसूचक गालियां भी दीं। इस बात की तहरीर उन्होंने पहले कोतवाली में दी थी, और बाद में पुलिस आयुक्त से गुहार लगाने के बाद कोतवाली थाने में धीरज और कौशल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
आरोपियों का पक्ष: चैंबर पर कब्ज़े का विवाद
दूसरी ओर, आरोपी वकीलों का कहना है कि यह पूरा विवाद चैंबर को लेकर है। उनका दावा है कि पहले तीनों अधिवक्ता एक साथ बैठा करते थे, और अंकित के देहांत के बाद एक एग्रीमेंट कराया गया था, जिसके तहत यह चैंबर धीरज के नाम से अलॉट हो गया था। आरोपियों का आरोप है कि पति के देहांत के बाद आरोप लगाने वाली महिला कानून की पढ़ाई करने के साथ ही चैंबर आने लगी और अब चैंबर पर कब्ज़ा करने के उद्देश्य से इस तरह की झूठी शिकायत कर रही है।
पुलिस जांच जारी
फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और गहराई से जांच कर रही है। यह देखना होगा कि पुलिस जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और क्या यह वाकई यौन उत्पीड़न का मामला है या चैंबर को लेकर चल रहा कोई विवाद।
इस मामले पर आपकी क्या राय है, क्या आपको लगता है कि यह चैंबर विवाद है या महिला के आरोप में सच्चाई है?