कानपुर, उत्तर प्रदेश: कानपुर को आखिरकार अपना नया मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) मिल गया है। पूर्व सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने हाईकोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त करने के बाद एक बार फिर सीएमओ पद पर वापसी कर ली है। दफ्तर के बाहर उनके नाम का बोर्ड भी लग गया है, जिससे कई दिनों से चल रही आपाधापी की स्थिति अब समाप्त हो गई है।
टीवी9 से बात करते हुए डॉ. नेमी ने बताया कि उन्होंने शासन के आदेश पर ज्वाइन किया है।
क्या था पूरा मामला?
कानपुर के पूर्व सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के खिलाफ कई गंभीर शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद जिलाधिकारी ने उन्हें हटाने की संस्तुति शासन से कर दी थी। उनके ऊपर मनमाने ट्रांसफर, आदेशों का पालन न करना, और अधीनस्थों पर पकड़ न होने जैसे कई आरोप लगे थे। इन आरोपों के बाद शासन ने डॉ. हरिदत्त नेमी को निलंबित कर दिया था और श्रावस्ती से डॉ. उदयनाथ को कानपुर का नया सीएमओ नियुक्त कर दिया था।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप और विवाद
शासन के इस आदेश के खिलाफ डॉ. हरिदत्त नेमी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ का दरवाज़ा खटखटाया। हाईकोर्ट ने डॉ. हरिदत्त नेमी के निलंबन पर रोक लगा दी और साथ ही डॉ. उदयनाथ के कानपुर ट्रांसफर ऑर्डर पर भी रोक लगा दी थी।
इस आदेश के बाद डॉ. हरिदत्त नेमी कानपुर पहुंचे और सीएमओ की सीट पर बैठकर खुद को सीएमओ घोषित कर दिया था। इसकी जानकारी जब डॉ. उदयनाथ को हुई, तो वह भी ऑफिस पहुँच गए और दोनों सीएमओ एक साथ बैठे हुए दिखाई पड़े। डॉ. उदयनाथ का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेशों का सभी को पालन करना होता है, लेकिन डॉ. हरिदत्त नेमी को यह आदेश शासन में देकर प्रक्रिया के तहत आना चाहिए था, वह सीधे आकर सीएमओ नहीं बन सकते। डॉ. उदयनाथ ने भी खुद के सीएमओ होने का दावा किया था।
शासन का अंतिम आदेश और नेमी की वापसी
इस विवाद के बाद शासन ने एक नया आदेश जारी किया। इस आदेश के तहत डॉ. उदयनाथ को वापस श्रावस्ती भेज दिया गया है। इसके साथ ही एक दूसरा आदेश भी जारी किया गया, जिसके तहत डॉ. हरिदत्त नेमी का निलंबन खत्म कर दिया गया है।
यह आदेश जारी होने के बाद गुरुवार को डॉ. हरिदत्त नेमी सीएमओ ऑफिस पहुँचे और विधिवत ज्वाइन किया। उन्होंने कहा कि वह शासन के आदेश पर ज्वाइन करने आए हैं, और इसके अलावा उन्होंने किसी अन्य सवाल का जवाब नहीं दिया। इस प्रकार, कानपुर में सीएमओ पद को लेकर चल रही खींचतान अब समाप्त हो गई है।