हुगली, पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चंदननगर निवासी सैकत बसु की रूसी पत्नी विक्टोरिया जिगालिना अपने पांच साल के बेटे को लेकर गायब हो गई हैं। इस मामले में सैकत और उनके माता-पिता ने अपने बच्चे को छुड़ाने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत, सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
प्रेम कहानी से विवाद तक
सैकत बसु और विक्टोरिया जिगालिना की मुलाकात 2017 में चीन में सैकत के काम के दौरान हुई थी, जिसके बाद उन्होंने शादी कर ली थी। सैकत के पिता समीर बसु, जो एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी हैं, बताते हैं कि शादी के बाद से विक्टोरिया की एक ही मांग थी: उसे फोर्ट विलियम (भारतीय सेना की पूर्वी कमान का मुख्यालय) ले जाया जाए। वह अपने ससुर पर पूर्वी कमान कार्यालय जाने के लिए लगातार दबाव डालती रहीं।
इसी दौरान, सैकत को पता चला कि विक्टोरिया के पिता रूसी जासूसी एजेंसी ‘फेडरल सिक्योरिटी सर्विसेज’ के एक सेवानिवृत्त अधिकारी थे। यह जानकारी मिलने के बाद बसु परिवार सदमे में आ गया और परिवार में अशांति शुरू हो गई। सैकत का दावा है कि विक्टोरिया चाहती थी कि उनका बच्चा रूस में पैदा हो और उसे रूसी नागरिकता मिले, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह संभव नहीं हो सका।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप और फिर लापता होना
बच्चे का जन्म भारत में हुआ। जब पारिवारिक विवाद चरम पर पहुंचा तो मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सैकत का आरोप है कि विक्टोरिया ने रूसी दूतावास के सहयोग से बच्चे के अधिकारों के लिए सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला विक्टोरिया के खिलाफ गया। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि बच्चे को 20 घंटे पिता के पास और 4 घंटे मां के पास रखा जाए।
यह सिलसिला चलता रहा, लेकिन 4 जुलाई को सैकत ने विक्टोरिया को दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में घुसते देखा। उन्होंने अपनी पत्नी को एक अधिकारी के साथ सामान लेकर अंदर जाते हुए देखा। तब से विक्टोरिया बच्चे के साथ गायब है।
अब विदेश मंत्रालय से मदद की अपील
सैकत ने अब सुप्रीम कोर्ट में पत्नी से अपने बच्चे को छुड़ाने के लिए याचिका दायर की है। उन्होंने विदेश मंत्रालय से भी सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार बच्चे को छुड़ाने में सहयोग करने की अपील की है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय संबंधों और बच्चे के अधिकारों को लेकर एक जटिल स्थिति पैदा कर रहा है।