Up News: कैराना सांसद इकरा हसन से अभद्रता मामले ने पकड़ा तूल, अखिलेश यादव ने एडीएम पर साधा निशाना

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में कैराना से सांसद इकरा हसन के साथ कथित अभद्रता का मामला तूल पकड़ गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) इस घटना के विरोध में उतर आई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर एडीएम पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो अधिकारी सांसद का सम्मान नहीं करता, वह जनता का सम्मान क्या करेगा।


क्या है पूरा मामला?

घटना 1 जुलाई की है, जब सांसद इकरा हसन और छुटमलपुर नगर पंचायत अध्यक्षा शमा परवीन सहारनपुर में एडीएम कार्यालय पहुंची थीं। इकरा हसन ने बाद में शासन को शिकायत की कि एडीएम संतोष बहादुर सिंह ने उनके साथ अभद्रता की और उन्हें “कार्यालय से बाहर जाइए” कहकर निकलने को कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि एडीएम ने दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक अपने कार्यालय नहीं आए और फिर आने के बाद जनप्रतिनिधि होने के साथ-साथ महिलाओं के साथ भी अभद्र व्यवहार किया। इकरा हसन ने इसे “महिला विरोधी मानसिकता” बताते हुए योगी और मोदी सरकार के “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” नारे पर सवाल उठाए हैं।


सपा का विरोध और मुख्यमंत्री को पत्र

इस घटना के बाद सपा के पदाधिकारी विरोध में उतर आए हैं। सपा जिलाध्यक्ष चौधरी अब्दुल वाहिद ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर जांच के बाद एडीएम पर कार्रवाई की मांग की है। पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने भी फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा है कि “हम अपनी बेटी के साथ हैं।” सपा महानगर प्रभारी एवं पार्षद अभिषेक टिंकू अरोड़ा ने भी पत्र लिखकर एडीएम के व्यवहार को अस्वीकार्य बताया है। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य फैसल सलमानी ने इस घटना को विपक्ष की राजनीति के लिए गंभीर बताते हुए उच्च अधिकारियों से मुलाकात करने की बात कही है।


एडीएम का खंडन और जांच जारी

दूसरी ओर, एडीएम संतोष बहादुर सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें सांसद के कार्यालय में पहुंचने का पता चला, वे तुरंत वहां पहुंचे। उन्होंने स्वीकार किया कि सांसद ने फोन रिसीव न करने पर नाराजगी जताई थी और छुटमलपुर ईओ को लेकर शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने लिखित में शिकायत नहीं दी। एडीएम के अनुसार, “वार्ता सिर्फ इतनी हुई। उन्हें कार्यालय से बाहर जाने के लिए बिल्कुल नहीं कहा। यह आरोप गलत है। जनप्रतिनिधियों का पूरी तरह से सम्मान करते हैं।”

शिकायत की कॉपी मंडलायुक्त को भी दी गई है और मंडलायुक्त के आदेश पर जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।


विपक्ष की प्रतिक्रिया और प्रोटोकॉल का मुद्दा

पूर्व विधायक माविया अली ने भी इस घटना पर रोष जताते हुए कहा कि भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश में अधिकारी पूरी तरह बेलगाम होकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कैराना सांसद के साथ हुए अभद्र व्यवहार को “राजनीति से प्रेरित” बताया, जिसे सपाई किसी सूरत बर्दाश्त नहीं करेंगे।

यह मामला जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल और अधिकारियों के व्यवहार पर सवाल खड़े कर रहा है, खासकर तब जब सत्ताधारी पार्टी महिला सशक्तिकरण की बात करती है।

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