यूपी: योगी सरकार ने बदला नियम, युवाओं को अब स्मार्टफोन की जगह मिलेंगे टैबलेट; जानें क्यों लिया यह फैसला

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब इस योजना के तहत युवाओं को स्मार्टफोन की जगह टैबलेट दिए जाएंगे। सरकार का मानना है कि टैबलेट शैक्षिक उद्देश्यों के लिए स्मार्टफोन की तुलना में अधिक प्रभावी और उपयोगी हैं।


क्यों लिया गया यह फैसला?

योगी सरकार जल्द ही कैबिनेट के पुराने निर्णय को निरस्त कर नया प्रस्ताव मंजूर कराएगी। यह नया प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा, जिसमें टैबलेट वितरण की प्रक्रिया, बजट और पात्रता मानदंडों को स्पष्ट किया जाएगा।

टैबलेट को अधिक उपयोगी मानने के प्रमुख कारण:

  • शैक्षिक उद्देश्यों के लिए बेहतर: यूपी सरकार का मानना है कि टैबलेट की बड़ी स्क्रीन और बेहतर प्रोसेसिंग क्षमता ऑनलाइन शिक्षा, ई-लर्निंग सामग्री और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ज़्यादा उपयुक्त है।
  • डिजिटल शिक्षा का बढ़ता महत्व: कोविड-19 महामारी के बाद डिजिटल शिक्षा के बढ़ते महत्व को देखते हुए यह कदम युवाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
  • प्री-लोडेड शैक्षिक सामग्री: टैबलेट में प्री-लोडेड शैक्षिक सामग्री होगी, जो ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को इंटरनेट के बिना भी अध्ययन करने में मदद करेगी।

सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले 25 लाख स्मार्टफोन खरीदने का निर्णय लिया था, जिसके लिए ₹2,493 करोड़ का बजट मंजूर किया गया था। अब इस निर्णय को निरस्त कर टैबलेट वितरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य 2025-26 के वित्तीय वर्ष में 15 लाख स्मार्टफोन और 10 लाख टैबलेट वितरित करना है, जिसके लिए ₹4,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।


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