वाराणसी, उत्तर प्रदेश: वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने के बावजूद नमामि गंगे के कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों का गंगा सफाई के प्रति जज्बा कम नहीं हुआ है। गुरुवार को उन्होंने पूरे उत्साह के साथ सिंधिया घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया, यह दर्शाते हुए कि कुदरत की रक्षा का जज्बा गंगा की बाढ़ में भी नहीं थमा है।
बढ़ती गंगा के बीच श्रमदान
बढ़ती गंगा के बीच, नमामि गंगे के सदस्यों ने सिंधिया घाट पर गंगा के सतही जल पर फैली गंदगी को इकट्ठा किया। इसके बाद, गंगा तट पर इधर-उधर बिखरे पड़े निर्माल्य (पूजा सामग्री और अन्य अपशिष्ट) को समेट कर नगर निगम के कर्मचारियों को सौंपा। इस अभियान के बाद, उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ मिलकर मां गंगा की आरती भी उतारी गई।
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
अभियान के दौरान लाउडस्पीकर के माध्यम से घाटों पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए लोगों को जागरूक किया गया। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक और नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला ने कहा, “स्वच्छता जन स्वास्थ्य की आधारशिला है। गंदे वातावरण से डायरिया, पीलिया, गैस्ट्रो संबंधी बीमारियां पनपती हैं। स्वच्छता को जीवन शैली का हिस्सा बनाना चाहिए।”
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “पर्यावरण हमारी अमूल्य निधि है। यदि हम जागरूक होंगे तभी पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले हानिकारक तत्वों से इसको दूर रखेंगे। पर्यावरण के दुष्परिणाम स्वरूप ही जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग से बेमौसम वर्षा और बाढ़ आदि की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। पर्यावरण की रक्षा हम सबका कर्तव्य है।”
इस आयोजन में प्रमुख रूप से राजेश शुक्ला के साथ नगर निगम के सफाई कर्मियों ने भी सक्रिय भागीदारी की। यह अभियान दिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कितनी महत्वपूर्ण है।