वाराणसी, उत्तर प्रदेश: वाराणसी के लालपुर/पाण्डेपुर थाना क्षेत्र की निवासी रीता सिंह ने अपने बेटे सोहित सिंह उर्फ आशुतोष सिंह की जिला कारागार में हुई मौत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रीता सिंह का कहना है कि उनके बेटे की जेल में हत्या हुई है और इसमें जेल अधीक्षक, विनोद गुप्ता व अन्य जेल कर्मचारियों की मिलीभगत है। वह अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तैयारी में हैं।
सुबह कॉल आया कि तबीयत खराब है, फिर मिली मौत की खबर
रीता सिंह के अनुसार, उनका बेटा सोहित सिंह पिछले करीब 3 साल से अधिक समय से वाराणसी जिला कारागार में बंद था। 14 जुलाई 2025 को सुबह करीब 11:02 बजे रीता के पति को 9454418277 नंबर से फोन आया कि “आपके पुत्र की तबीयत खराब है, उसे मंडलीय चिकित्सालय, कबीरचौरा, वाराणसी ले जाया जा रहा है।”

रीता सिंह तुरंत अपने पति के साथ कबीरचौरा अस्पताल पहुंचीं, जहाँ उन्हें अपने बेटे की मृत्यु की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि उनके बेटे के मृत शरीर को जल्दबाज़ी में सफेद कपड़े में सील कर दिया गया था। रीता सिंह को इस बात पर संदेह है कि उनके पति को 11:02 बजे फोन पर बेटे की तबीयत खराब होने की बात कही गई, जबकि उनके बेटे की मृत्यु सुबह 10:25 बजे ही हो चुकी थी।
अंगूठे का निशान और पुरानी धमकी ने खड़े किए सवाल
रीता सिंह ने बताया कि उनका बेटा सोहित सिंह एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति था, लेकिन उसके मृत्यु प्रमाण पत्र पर अंगूठे का निशान लगाया गया था, जो उन्हें संदेहात्मक प्रतीत होता है। पूछने पर वहां मौजूद लोग और पुलिस कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे थे।

रीता सिंह ने यह भी बताया कि उनके बेटे ने उन्हें पहले बताया था कि विनोद गुप्ता, पुत्र गुलाब गुप्ता, निवासी अनौला, (कटकपुर, थाना-कैंट, वाराणसी) ने उसे कचहरी में जान से मारने की धमकी दी थी। इन सभी तथ्यों के आधार पर रीता सिंह को विश्वास है कि उनके पुत्र की जेल में हत्या की गई है।
पुलिस से पोस्टमार्टम और सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग
रीता सिंह ने अपने बेटे की असमय मृत्यु के संबंध में पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जिला कारागार, वाराणसी, और मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा, वाराणसी से सीसीटीवी जांच रिपोर्ट के साथ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। यह मामला जेल में बंद कैदियों की सुरक्षा और जेल प्रशासन की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।