वाराणसी: जिले के छितौना गांव में दो पक्षों के बीच चल रहा संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले को लेकर एक बार फिर हाईवे पर जमकर प्रदर्शन हुआ, जिसके दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई।
छितौना विवाद और विरोध प्रदर्शन
वाराणसी जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत छितौना गांव में हाल ही में हुई हिंसक झड़प के बाद से क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। घटना के बाद से लगातार सियासी बयानबाजी और विरोध प्रदर्शनों ने माहौल को और गरमा दिया है।
मंगलवार को करणी सेना और क्षत्रिय महासभा के सैकड़ों कार्यकर्ता संदहा पहुँचे और गाजीपुर-वाराणसी मुख्य मार्ग पर जमकर बवाल काटा। उन्होंने कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, ओमप्रकाश राजभर और अरविंद राजभर के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। यह प्रदर्शन 12 जुलाई को सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर के नेतृत्व में हुई करणी सेना के खिलाफ नारेबाजी से नाराज होकर किया गया था।

पुलिस से झड़प और एसीपी के बिल्ले पर हमला
प्रदर्शन के दौरान पहले से ही मौके पर मौजूद पुलिस बल ने कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ उत्तेजित हो गई। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे पर धरना देकर चक्का जाम कर दिया। स्थिति को संभालने पहुँची पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की भी की। इस दौरान एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान की वर्दी का बिल्ला नोच दिया गया, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए। पुलिस को स्थिति को काबू में करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।

मामला शांत करने के प्रयास और वर्तमान स्थिति
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला कुछ शांत हुआ। क्षत्रिय महासभा के प्रदेश संरक्षक हरिशंकर सिंह ‘मुन्ना’ ने कार्यकर्ताओं को शांत करते हुए बताया कि जिला प्रशासन और संगठन के बीच बैठक हुई है। इसमें आश्वासन दिया गया है कि समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वालों को 48 घंटे के भीतर चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। बाद में पुलिस अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद चक्का जाम समाप्त किया गया।
हालांकि, क्षेत्र में तनाव बरकरार है और स्थिति को देखते हुए पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है।