वाराणसी: धर्म नगरी काशी में पाँच साल बाद एक दिन में रिकॉर्ड 120 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। रविवार की भोर और देर रात हुई मूसलाधार बारिश ने जहाँ शहर के निचले इलाकों में जलभराव कर दिया, वहीं कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। बारिश के दौरान बिजली गिरने से सारनाथ में स्थित थाई बौद्ध मंदिर की 80 फीट ऊंची भगवान बुद्ध की प्रतिमा का ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
रिकॉर्ड बारिश से जनजीवन प्रभावित
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, रविवार की भोर तीन बजे गरज-चमक के साथ शुरू हुई बारिश ने दो घंटे में ही 62 मिलीमीटर का आंकड़ा छू लिया। इसी तरह रविवार रात से सोमवार भोर तक लगभग साढ़े तीन घंटे में 58 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे पहले 2019 में एक दिन में 103 मिलीमीटर बारिश हुई थी।
भारी बारिश के बावजूद, श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन करने आए कांवड़िये कतार में डटे रहे और ‘हर-हर महादेव’ का जयघोष करते रहे, जो उनकी अटूट आस्था को दर्शाता है।
बिजली गिरने से बुद्ध प्रतिमा क्षतिग्रस्त, आधे शहर में अंधेरा
रविवार सुबह करीब 4:25 बजे सारनाथ के थाई बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर बिजली गिरी, जिससे उसका ऊपरी हिस्सा टूटकर जमीन पर आ गिरा। मंदिर के भिक्षु मांगलिको ने बताया कि यह प्रतिमा 2001 में तालिबान द्वारा नष्ट की गई प्रतिमाओं की स्मृति में 2011 में बनकर तैयार हुई थी।
बारिश और बिजली गिरने के कारण आधे शहर में करीब पाँच घंटे तक बिजली गुल रही। कई जगहों पर पेड़ की डालियाँ टूटकर गिर गईं, जिससे आवाजाही में परेशानी हुई। पंचक्रोशी मार्ग पर बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हुए, तो वहीं चौबेपुर बाजार के पास लगे ट्रांसफार्मर में भी खराबी आ गई। एसडीओ अजित कुमार ने बताया कि उगापुर क्षेत्र के सात ट्रांसफार्मर बिजली गिरने से जल गए हैं। कुछ जगहों पर मवेशी भी झुलस गए।
तापमान में गिरावट, मानसून सक्रिय
इस मौसम परिवर्तन से न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया, जो औसत से 2.3 डिग्री कम रहा। हालांकि, अधिकतम तापमान 34.9 डिग्री सेल्सियस पर बना रहा।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है और अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना है।
नगर निगम की तैयारियों की खुली पोल
बारिश ने नगर निगम की मानसून पूर्व तैयारियों की पोल खोल दी है। शहर के हृदय स्थल गोदौलिया, गिरजाघर, विशेश्वरगंज मंडी, गोला दीनानाथ और अन्य प्रमुख बाजारों में जलभराव से व्यापारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गोदामों में पानी घुसने से माल खराब होने की आशंका है। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि जलभराव से बचाव के लिए एक माह पहले से की जा रही तैयारियाँ बारिश में बह गईं।
यह बारिश जहाँ मौसम के मिजाज में बदलाव लाई, वहीं शहर की मूलभूत सुविधाओं की कमजोरी को भी उजागर कर गई।