वाराणसी: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) टीम ने आज वाराणसी रेलवे स्टेशन पर कुल पांच बच्चों को रेस्क्यू कर सुरक्षित रूप से चाइल्डलाइन को सौंप दिया है। यह कार्रवाई वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, लखनऊ मंडल, उत्तर रेलवे, श्री देवांश शुक्ला के निर्देश पर की गई।

कैसे रेस्क्यू किए गए बच्चे?
AHTU टीम में सहायक उप निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार, कांस्टेबल प्रियंका मणि दुबे और कांस्टेबल निशा शामिल थे। टीम ने स्टेशन की नियमित जांच के दौरान इन बच्चों को खोजा:
- प्लेटफॉर्म संख्या 5 पर: टीम को सोहन (उम्र 12 वर्ष) और रोहन (उम्र 11 वर्ष) नाम के दो नाबालिग भाई रोते हुए मिले। दोनों ने बताया कि वे अपनी माता के साथ यात्रा कर रहे थे, लेकिन भीड़ में बिछुड़ गए। दोनों खलीलाबाद, संत कबीर नगर के निवासी हैं।
- प्लेटफॉर्म संख्या 4 पर: एक और बच्चा, बड़का (उम्र 5 वर्ष), अपनी माता के साथ आया था, जो उसे छोड़कर चली गई थी। बच्चा अपना पूरा पता बताने में असमर्थ था, लेकिन उसने बताया कि उसकी माँ उसे छोड़कर चली गई है और उसे बहुत खोजने पर भी नहीं मिली।
- प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर: एक बच्चा, संदीप (उम्र 11 वर्ष), अपने घर से नाराज़ होकर स्टेशन पर चला आया था।
- फुट ओवर ब्रिज पर: एक और बच्चा, हैदर (उम्र 12 वर्ष), मिला जिसने अपना नाम मोहम्मद अख्तर का पुत्र बताया।
सभी बच्चों को रेस्क्यू करने के बाद, उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उन्हें सुरक्षित रूप से चाइल्डलाइन को सौंप दिया गया है।