पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में सिगरा में कैंडल मार्च, शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
वाराणसी के सिगरा में पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में कैंडल मार्च निकाला गया, लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और देश की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की।

वाराणसी, उत्तर प्रदेश – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के विरोध में आज सिगरा स्थित सेंट पॉल्स चर्च और ईसाई समाज के सहयोग से एक भावुक कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। इस शांति मार्च में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए और शहीदों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
प्रार्थना से हुई शुरुआत
मार्च की शुरुआत चर्च के पादरी सैम जोशुआ सिंह ने एक विशेष प्रार्थना के साथ की। उन्होंने आतंकी हमले में शहीद हुए निर्दोष नागरिकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके परिजनों को इस दुःख की घड़ी में संबल प्रदान करने की कामना की।
पादरी सिंह ने कहा – "हम धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर, एकजुटता और मानवता के साथ इस प्रकार की हिंसा के खिलाफ खड़े हैं।"
क्रॉस पर जलाए गए कैंडल, दी गई श्रद्धांजलि
सेंट पॉल्स चर्च स्थित पवित्र क्रॉस पर उपस्थित जनसमूह ने मोमबत्तियां जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर लोगों की आंखें नम थीं, और वातावरण शोक और श्रद्धा से भरा हुआ था। कैंडल जलाते समय "शांति का संदेश" देने वाले भजन भी बजाए गए, जिससे माहौल आध्यात्मिक और संवेदनशील हो गया।
सिगरा से चर्च तक निकला शांतिपूर्ण मार्च
कैंडल मार्च सिगरा स्थित मिशन कंपाउंड से शुरू होकर सेंट पॉल्स चर्च परिसर में समाप्त हुआ। पूरे रास्ते श्रद्धालु हाथों में मोमबत्तियां और शांति के संदेश वाले पोस्टर लिए हुए चल रहे थे। “हम आतंक के खिलाफ हैं”, “शहीदों को सलाम”, जैसे नारों के साथ यह मार्च पूरी तरह शांति पूर्ण और एकजुटता की भावना से परिपूर्ण रहा।
आतंकी हमले की निंदा, देश की सुरक्षा के लिए प्रार्थना
इस आयोजन का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि देना ही नहीं था, बल्कि समाज में एक संदेश देना था कि देश की एकता और अखंडता के विरुद्ध उठाए गए हर कदम का विरोध किया जाएगा। उपस्थित जनों ने भारत की सुरक्षा, भाईचारे और सामाजिक समरसता के लिए सामूहिक प्रार्थना की। ईसाई समाज के प्रतिनिधियों ने इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा की।
निष्कर्ष:
सिगरा में आयोजित यह कैंडल मार्च, न केवल एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम था, बल्कि यह आतंक के विरुद्ध समाज की एकजुटता और देशभक्ति की भावना का स्पष्ट उदाहरण भी रहा। इस पहल से यह संदेश गया कि देश की जनता एकजुट होकर किसी भी आतंकी मंसूबे को असफल करने के लिए कटिबद्ध है।
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