पहलगाम आतंकी हमला: "हिंदू हो क्या?" — महाराष्ट्र के युवक का सनसनीखेज दावा, हमले से एक दिन पहले संदिग्ध से हुई थी बात

पहलगाम आतंकी हमले से एक दिन पहले महाराष्ट्र के युवक आदर्श राउत ने संदिग्ध हमलावर से बातचीत का दावा किया है। एनआईए को भेजी गई जानकारी में उसने शक जताया है कि संदिग्ध हमलावर स्केच से मेल खा सकता है।

Apr 30, 2025 - 14:20
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पहलगाम आतंकी हमला: "हिंदू हो क्या?" — महाराष्ट्र के युवक का सनसनीखेज दावा, हमले से एक दिन पहले संदिग्ध से हुई थी बात

वाराणसी/जालना।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले से पूरे देश में गुस्से और शोक की लहर है। इसी बीच, महाराष्ट्र के जालना जिले के एक युवक आदर्श राउत ने ऐसा खुलासा किया है, जिससे जांच एजेंसियों की सतर्कता और भी जरूरी हो गई है। आदर्श का दावा है कि हमले से ठीक एक दिन पहले वह एक ऐसे संदिग्ध व्यक्ति के संपर्क में आया था, जिसकी शक्ल अब एनआईए द्वारा जारी स्केच से मिलती-जुलती है।

"हिंदू हो क्या? तुम कश्मीरी नहीं लगते" — एक सामान्य सवाल या आतंकी मंशा?

21 अप्रैल को आदर्श राउत बायसरन घाटी में घुड़सवारी के लिए गया था। वहीं एक मैगी स्टॉल पर खाना खाते वक्त, एक अजनबी ने उससे अजीब सवाल किया — “हिंदू हो क्या? कश्मीरी नहीं लगते।” राउत के मुताबिक, यह सवाल सुनते ही उसे थोड़ा डर महसूस हुआ। उस व्यक्ति ने अपने साथी से यह भी कहा कि “आज भीड़ कम है।”

राउत ने इस घटना को सामान्य मानकर नजरअंदाज कर दिया। लेकिन अगले ही दिन जब घाटी में आतंकियों ने कहर बरपाया और 26 लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया, तब जाकर उसे एहसास हुआ कि शायद उसने हमलावरों को करीब से देखा था।

एनआईए को भेजी विस्तृत जानकारी

आदर्श राउत ने पूरे घटनाक्रम को विस्तार से एक ईमेल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को भेजा है। ईमेल में संदिग्ध व्यक्ति से हुई बातचीत, स्थान, तारीख, यहां तक कि स्टॉल वाले से पैसे न दे पाने की मजबूरी तक का ज़िक्र किया गया है। नेटवर्क की समस्या के कारण राउत मौके पर भुगतान नहीं कर सका, लेकिन बाद में उसने स्टॉल वाले का नंबर लेकर UPI के माध्यम से पैसे भेज दिए।

राउत ने कहा है कि अगर जांच एजेंसियां संपर्क करती हैं, तो वह हर संभव सहयोग देने को तैयार हैं। हालांकि अभी तक NIA की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

क्या यह हमला पहले से योजनाबद्ध था?

22 अप्रैल को सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने बायसरन घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाया। चश्मदीदों के अनुसार, आतंकियों ने पहले धर्म पूछा, पहचान पत्र देखे और फिर "हिंदू हो?" पूछकर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी इस नृशंस कृत्य का शिकार बने।

टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी

आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा गुट है, ने इस जघन्य हमले की जिम्मेदारी ली है। उल्लेखनीय है कि यह हमला अमरनाथ यात्रा से महज कुछ सप्ताह पहले हुआ है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और भी बढ़ गई है।

पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला

यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में अब तक की सबसे बड़ी आतंकी वारदात मानी जा रही है, जिसमें 47 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। पहलगाम की इस घटना ने एक बार फिर आतंक के घाव हरे कर दिए हैं और केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग को तेज कर दिया है।


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