चारधाम यात्रा 2025: फूलों की वर्षा, जयकारों की गूंज और आस्था का अद्वितीय संगम
चारधाम यात्रा 2025 का भव्य शुभारंभ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ। पुष्पवर्षा, जयकारों और भक्तों की भीड़ के बीच सीएम धामी ने मां गंगा के दर्शन किए। पढ़िए अद्भुत अनुभवों से भरा यात्रा वृत्तांत।

उत्तराखंड के पवित्र चारधामों में आज से एक बार फिर श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा है। अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट विधिपूर्वक श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। हर वर्ष की तरह इस बार भी कपाट खुलते ही वातावरण "हर-हर गंगे" और "जय मां यमुना" के जयकारों से गूंज उठा, जिससे सम्पूर्ण धाम क्षेत्र भक्तिमय माहौल में डूब गया।
पीएम मोदी के नाम से हुई पहली पूजा, सीएम धामी हुए साक्षी
कपाटोद्घाटन के अवसर पर सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पूजा की गई। इस धार्मिक परंपरा के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं गंगोत्री धाम पहुंचकर मां गंगा का आशीर्वाद लिया और देशवासियों को चारधाम यात्रा की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। संदिग्धों पर नजर रखने हेतु सत्यापन अभियान भी तेज़ कर दिया गया है।
हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा, मंदिर परिसर में 15 कुंतल फूलों की सजावट
गंगोत्री मंदिर परिसर को इस वर्ष विशेष रूप से सजाया गया था। करीब 15 कुंतल फूलों से मंदिर को भव्य रूप दिया गया। श्रद्धा और सुंदरता का यह संगम तब और विशेष बन गया जब मंदिर परिसर पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। इस दृश्य ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में खुला कपाट
बुधवार सुबह 10:30 बजे अभिजीत मुहूर्त में जैसे ही कपाट खोले गए, धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मां गंगा की विग्रह मूर्ति के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने पुण्य लाभ अर्जित किया। यमुनोत्री धाम में भी भक्तों का कारवां पहाड़ों की ऊंचाइयों को पार करते हुए मां यमुना के दर्शन के लिए निकल पड़ा है।
छह महीने चलने वाली यात्रा की हुई शुरुआत
अब अगले छह महीनों तक श्रद्धालु गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। चारधाम यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उत्तराखंड की आर्थिकी और पर्यटन को भी गहरी संजीवनी देती है।
निष्कर्ष
चारधाम यात्रा का प्रारंभ हर वर्ष एक नया ऊर्जा संचार लेकर आता है। इस बार की यात्रा विशेष इसलिए भी है क्योंकि श्रद्धालु भक्ति, संस्कृति और प्रकृति के इस संगम को एक नई भव्यता के साथ अनुभव कर रहे हैं। जयकारों, पुष्पवर्षा और आस्था के अद्भुत क्षणों से भरे इस आरंभ ने पूरे देश को अध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया है।