Varanasi Gangrape Case: पीड़िता की सहेली के बयान से केस में आया बड़ा ट्विस्ट, SIT जांच की मांग हुई तेज
वाराणसी गैंगरेप केस में पीड़िता की सहेली के बयान से आया चौंकाने वाला मोड़। SIT जांच की मांग तेज, परिजनों का आरोप – निर्दोषों को फंसाया गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

वाराणसी: हाल ही में वाराणसी में सामने आए कथित गैंगरेप केस में अब एक नया और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। जहां पहले तक पूरा मामला एक युवती की शिकायत और गंभीर आरोपों पर आधारित था, वहीं अब उसी युवती की करीबी सहेली ने इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सहेली का कहना है कि यह मामला पूरी तरह एक “साजिश” है और कुछ बेकसूर युवकों को झूठे केस में फंसाया जा रहा है।
सहेली ने ही उठाए पीड़िता पर सवाल
पीड़िता की सहेली, जिसे शुरू में इस केस का अहम गवाह माना जा रहा था, अब खुद मीडिया के सामने आकर यह कह रही है कि – "ऐसी लड़कियां दोस्त कहलाने लायक नहीं होतीं। उन्होंने मेरे भरोसे का भी गलत इस्तेमाल किया और मासूम लड़कों को फंसा दिया।" सहेली का यह बयान सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई है।
SIT कर रही निष्पक्ष जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने पहले ही एसआईटी (SIT) टीम का गठन कर दिया है, जो सभी साक्ष्यों की जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और लोकेशन ट्रेस के माध्यम से सच को सामने लाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
ज्ञापन देने पहुंचे परिजन, पुलिस ने रोका
मंगलवार को आरोपी युवकों के परिजन बड़ी संख्या में महिलाओं और स्थानीय लोगों के साथ प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय ज्ञापन देने के लिए निकले थे। हालांकि उन्हें गुरुधाम चौराहे पर ही पुलिस द्वारा रोक दिया गया। बैरिकेडिंग और कड़ी धूप के बावजूद लोग मौके पर डटे रहे और इंसाफ की मांग करते रहे। आखिरकार, मौके पर पहुंचे एसीपी भेलूपुर ने प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन प्राप्त कर उन्हें शांत किया।
परिजनों का दावा – "झूठे केस में फंसाया गया"
आरोपियों के परिवारवालों ने आरोप लगाया है कि इस केस को सनसनीखेज बनाकर वसूली और बदनामी का हथियार बनाया जा रहा है। प्रदर्शन में शामिल दिलशाद अहमद और गुड्डू मालिक ने कहा कि उन्होंने सारे सबूत पुलिस को सौंप दिए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आरोपी निर्दोष हैं। उनका कहना है कि न्याय हर हाल में होना चाहिए – चाहे वह लड़की के पक्ष में हो या लड़कों के, लेकिन निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए।
PM मोदी के वाराणसी दौरे में उठी चर्चा
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया वाराणसी दौरे के दौरान इस मामले की रिपोर्टिंग पुलिस कमिश्नर द्वारा की गई थी। पीएम कार्यालय की नजर भी अब इस मामले पर बनी हुई है, जिससे जांच प्रक्रिया और ज्यादा पारदर्शी बनने की उम्मीद जताई जा रही है।
आगे क्या होगा?
अब सभी की नजर SIT की जांच रिपोर्ट और पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हुई है। पीड़िता की सहेली के बयान के बाद मामला पूरी तरह से नया मोड़ ले चुका है और ऐसे में पुलिस के लिए यह एक संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण जांच बन गई है।