मेरठ में विचित्र शादी विवाद: मौलाना से शादी, देवर संग फरार, थाने के बाहर तीन तलाक

मेरठ में मौलाना से शादी करने वाली महिला देवर संग फरार हो गई। दो महीने बाद लौटने पर पति ने थाने के बाहर दिया तीन तलाक। पढ़ें पूरा मामला 'संपन्न भारत न्यूज़' पर।

May 1, 2025 - 15:33
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मेरठ में विचित्र शादी विवाद: मौलाना से शादी, देवर संग फरार, थाने के बाहर तीन तलाक

विवाद की जड़ – दाढ़ी से नफरत, देवर से मोहब्बत?

उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों की जटिलता को उजागर कर दिया है। एक महिला, जिसकी शादी एक मौलाना से हुई थी, ने अपने पति की दाढ़ी को लेकर आपत्ति जताई। उसका कहना था कि उसे दाढ़ी वाले लोग पसंद नहीं हैं और पति की दाढ़ी उसे 'चुभती' है।

पत्नी की यह डिमांड सामने आने पर मौलाना पति ने इसे इस्लामिक परंपराओं के खिलाफ बताते हुए इंकार कर दिया। नतीजतन, महिला अपने देवर के साथ फरार हो गई। दो महीने बाद जब वह लौटकर आई तो घटनाक्रम और भी पेचीदा हो गया। थाने के बाहर ही मौलाना ने पत्नी को 'तीन तलाक' कहकर रिश्ता खत्म कर दिया।


निकाह, विरोध और फिर भाग जाना – पूरा घटनाक्रम

मेरठ के लिसाड़ी गेट इलाके के उज्जवल गार्डन निवासी मौलाना का निकाह सात महीने पहले इंचौली निवासी युवती से हुआ था। शादी के शुरुआती दिनों में सब सामान्य रहा, लेकिन कुछ ही हफ्तों बाद पत्नी ने पति की दाढ़ी को लेकर ऐतराज जताना शुरू कर दिया।

उसने मौलाना से कहा कि वह दाढ़ी कटवा लें, क्योंकि उसे क्लीनशेव पुरुष पसंद हैं। मौलाना ने धर्मिक कारणों से मना कर दिया और यह बात लड़की के परिवार से भी साझा की। इससे विवाद और बढ़ गया। इसी दौरान महिला ने आरोप लगाया कि उसका निकाह जबरन कराया गया है।


देवर संग फरार – पुलिस में गुमशुदगी दर्ज

मौलाना ने पुलिस में जाकर पत्नी और उसके देवर की गुमशुदगी दर्ज कराई। दोनों की लोकेशन पंजाब के लुधियाना में मिली। पुलिस ने उनके परिजनों से बातचीत कर वापस मेरठ आने के लिए दबाव बनाया।

बुधवार शाम को महिला और उसका देवर घर लौट आए। जैसे ही यह खबर फैली, दोनों परिवारों के बीच तनाव और हंगामा शुरू हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और महिला, मौलाना और देवर को थाने ले जाया गया।


थाने के बाहर तीन तलाक – विवाद का पटाक्षेप

थाने में मौलाना ने पत्नी को साथ रखने की एक अंतिम कोशिश की। उसने कहा कि यदि महिला माफी मांग ले, तो वह उसे फिर से स्वीकार कर लेगा। लेकिन महिला ने साफ इनकार कर दिया। इस पर मौलाना ने थाने के बाहर ही 'तीन तलाक' दे दिया और दोनों का रिश्ता वहीं खत्म हो गया।


महिला के आरोप – प्रताड़ना, नपुंसकता और अश्लीलता का दावा

महिला ने पुलिस के सामने मौलाना पर कई गंभीर आरोप लगाए। उसने दावा किया कि मौलाना नपुंसक है, वह उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता था और यहां तक कि उसकी अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करता था। उसने कहा कि दाढ़ी का मुद्दा केवल दिखावटी है, असली वजह मौलाना की प्रवृत्ति और व्यवहार है।


समझौता या सामाजिक विफलता?

पुलिस ने कहा कि दोनों पक्षों में प्रारंभिक तौर पर समझौता हुआ है और कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है। यदि आगे शिकायत मिलती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या ऐसे मामलों में 'समझौता' सही रास्ता है या फिर यह सामाजिक व्यवस्था की विफलता का संकेत?


इस मामले ने खड़े किए कई अहम सवाल

  1. क्या शादी से पहले जीवनसाथी की पसंद-नापसंद को समझना जरूरी नहीं है?

  2. क्या व्यक्तिगत पसंद के कारण किसी की धार्मिक पहचान से समझौता करना उचित है?

  3. क्या 'तीन तलाक' जैसी व्यवस्था आज के सामाजिक परिदृश्य में प्रासंगिक है?

  4. क्या थानों को ऐसे निजी विवादों का मंच बनाना सही है?


कानूनी दृष्टिकोण – क्या है तीन तलाक पर कानून?

भारत सरकार ने 2019 में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम पारित कर तीन तलाक को गैर-कानूनी घोषित कर दिया है। इस कानून के तहत, मौखिक, लिखित या किसी भी रूप में दिए गए तीन तलाक को अपराध माना जाता है, जिसकी सजा तीन साल तक की हो सकती है।

यदि महिला शिकायत करती है तो मौलाना पर मामला दर्ज हो सकता है, लेकिन अभी तक ऐसा कोई लिखित आरोप नहीं दिया गया है।


निष्कर्ष – एक रिश्ते की त्रासदी, समाज की सीख

यह मामला एक व्यक्तिगत रिश्ते की विफलता के साथ-साथ सामाजिक सोच की सीमाओं को भी दर्शाता है। न केवल यह रिश्तों में संवाद की कमी को उजागर करता है, बल्कि धर्म, परंपरा और आधुनिकता के टकराव को भी सामने लाता है।

सवाल सिर्फ दाढ़ी या देवर तक सीमित नहीं है – सवाल यह है कि क्या हमारी सामाजिक व्यवस्था लोगों को खुले संवाद और समाधान का अवसर दे रही है?

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