ओडिशा में दलित युवकों से बर्बरता: पशु तस्कर समझकर पीटा, सिर मुंडवाकर नाले का पानी पिलाया

Odisha ke Ganjam mein do Dalit yuvakon ko pashu taskar samajhkar berahami se peeta gaya. Sir mundwaya, ghutnon ke bal chalaya aur nale ka pani pilaya. Police ne shuru ki jaanch.

ओडिशा में दलित युवकों से बर्बरता: पशु तस्कर समझकर पीटा, सिर मुंडवाकर नाले का पानी पिलाया
पुलिस

ओडिशा के गंजाम ज़िले के धराकोट में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। पशु तस्कर होने के शक में दो दलित युवकों को बेरहमी से पीटा गया, उनका आधा सिर मुंडवाया गया, घुटनों के बल 2 किलोमीटर तक चलाया गया, और अमानवीयता की हद पार करते हुए उन्हें घास खिलाई गई और नाले का पानी भी पिलाया गया।


क्या है पूरा मामला?

धराकोट ब्लॉक के सिंगीपुर गाँव के रहने वाले बुलु नायक और बाबुला नायक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उनके साथ यह बर्बर सलूक खारीगुम्मा गाँव में हुआ। बाबुला नायक की बेटी की शादी है और वे अपनी बेटी को दहेज में गाय देने के लिए हरिपुर गाँव गए थे।

बुलु और बाबुला हरिपुर से तीन गाय खरीदकर अपने गाँव लौट रहे थे। रास्ते में पड़ने वाले खारीगुम्मा गाँव के कुछ लोगों ने उन्हें रोक लिया। गाँव वालों को उन पर पशु तस्कर होने का शक हुआ और उन्होंने उनसे पैसे मांगे। जब दोनों युवकों ने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई।


अमानवीय यातना की हदें पार

बुलु और बाबुला को पीटने के बाद, गाँव वालों ने उन्हें जबरदस्ती एक सैलून ले जाकर उनका आधा सिर मुंडवा दिया। इसके बाद, उन्हें लगभग दो किलोमीटर तक खारीगुम्मा से जहरा गाँव तक घुटनों के बल चलने के लिए मजबूर किया गया। अमानवीयता की यह इंतहा यहीं नहीं रुकी। आरोपियों ने दोनों युवकों को घास खिलाई और नाले का गंदा पानी भी पिलाया।


पुलिस कार्रवाई और जांच

इस मामले में दोनों युवकों ने धराकोट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। मारपीट के कारण बुलु और बाबुला के सिर और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं। पुलिस ने दोनों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया और मामले की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इस बर्बर घटना में सात से आठ आरोपी शामिल थे।

थाना प्रभारी ने इस घटना को "शर्मनाक" बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पुलिस आरोपियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है और एक शख्स को हिरासत में भी ले लिया गया है। यह घटना समाज में व्याप्त अंधविश्वास और हिंसा की प्रवृत्ति को उजागर करती है, जिस पर गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता है।