ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा: PM मोदी से मिलेंगी, ₹1.70 लाख करोड़ बकाया का मुद्दा उठाएंगी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले सप्ताह दिल्ली दौरे पर जा रही हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर केंद्र सरकार पर राज्य के ₹1.70 लाख करोड़ के बकाया भुगतान का मुद्दा उठाएंगी। भाजपा ने नीति आयोग की बैठकों में उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाए हैं।

ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा: PM मोदी से मिलेंगी, ₹1.70 लाख करोड़ बकाया का मुद्दा उठाएंगी
ममता बनर्जी और पीएम मोदी (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी अगले सप्ताह दिल्ली दौरे पर जा रही हैं. इस दौरे के दौरान उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 9 जून को दिल्ली के लिए रवाना हो सकती हैं और वहां दो दिवसीय दौरे पर रहेंगी. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में पश्चिम बंगाल को कथित रूप से नहीं मिल रही सहायता का मुद्दा उठाना है.


बकाया धनराशि को लेकर ममता बनर्जी का केंद्र पर आरोप

तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अक्सर यह आरोप लगाती रही हैं कि केंद्र सरकार राज्य को विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के लिए धनराशि जारी नहीं कर रही है और बंगाल के साथ भेदभाव किया जा रहा है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से मुलाकात कर राज्य के 1.70 लाख करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान पर चर्चा करेंगी.

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, 100 दिनों के काम (मनरेगा) के लिए पैसे की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस पहले भी दिल्ली की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर चुकी है. सिर्फ 100 दिनों के काम ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भी बड़ी धनराशि केंद्र पर बकाया है.


केंद्र से मदद न मिलने पर TMC का रुख

सूत्रों का कहना है कि राज्य का केंद्र पर कुल 1.70 लाख करोड़ रुपये बकाया है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि उसने बकाया पैसे की मांग को लेकर केंद्र से बार-बार अपील की है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है. इससे पहले ममता बनर्जी ने बकाया राशि के भुगतान की मांग को लेकर रेड रोड पर धरना भी दिया था. बाद में राज्य सरकार ने 100 दिनों के काम के लिए धनराशि अपने कोष से उपलब्ध कराई. आवास योजना के लिए भी धन राज्य कोष से दिया जा रहा है, लेकिन इससे राज्य के खजाने पर लगातार दबाव बढ़ रहा है.

इस बीच, 9 जून से विधानसभा का सत्र भी शुरू हो रहा है. वहां कई जरूरी मुद्दों पर भी चर्चा की जा सकती है और विभिन्न विधेयक पारित होने की उम्मीद है. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में मुख्यमंत्री का यह दिल्ली दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.


नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने पर BJP ने उठाए सवाल

इस संदर्भ में भाजपा नेता जगन्नाथ चटर्जी ने मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री का मुख्यमंत्री से मिलना सामान्य बात है. हमारे मुख्यमंत्री का नियमित रूप से (इन बैठकों में) नहीं जाना असामान्य बात है." उन्होंने आगे कहा, "नीति आयोग की बैठक में देखा गया कि राजनीतिक विचारधारा में मतभेद होने के बावजूद प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन, झारखंड के हेमंत सोरेन, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पंजाब के मुख्यमंत्री से चर्चा की. मुख्यमंत्री ने उस मंच का उपयोग क्यों नहीं किया? वह नीति आयोग की बैठक में राज्य के प्रतिनिधियों को क्यों नहीं भेजती हैं?"

यह दौरा पश्चिम बंगाल और केंद्र के बीच वित्तीय खींचतान को और बढ़ा सकता है, और इसके राजनीतिक निहितार्थ भी हो सकते हैं.