इजराइल और मुस्लिम देश: दूतावासों और संबंधों पर एक नज़र

दुनिया के अधिकांश मुस्लिम देश इजराइल को मान्यता नहीं देते, जिसका मुख्य कारण फिलिस्तीन पर कब्ज़ा और हिंसा है। हालाँकि, मिस्र, जॉर्डन, UAE, बहरीन और मोरक्को जैसे कुछ मुस्लिम देशों ने इजराइल के तेल अवीव में अपने दूतावास स्थापित किए हैं, जबकि अज़रबैजान और तुर्की जैसे देश बिना औपचारिक मान्यता के भी इजराइल से व्यापारिक संबंध रखते हैं।

इजराइल और मुस्लिम देश: दूतावासों और संबंधों पर एक नज़र
बेंजामिन नेतन्याहू

दुनिया भर में मौजूद लगभग 55 मुस्लिम देशों में से ज़्यादातर इजराइल को संप्रभु देश के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं। इसका मुख्य कारण फिलिस्तीन पर इजराइल का कब्ज़ा और वहाँ के नागरिकों के खिलाफ लगातार जारी हिंसा है। संयुक्त राष्ट्र के कुल 28 सदस्य देश इजराइल की संप्रभुता को मान्यता नहीं देते हैं, जिनमें से 25 मुस्लिम बहुल देश हैं। बाकी के तीन देश क्यूबा, उत्तर कोरिया और वेनेजुएला हैं।

कई अन्य मुस्लिम देश इजराइल के साथ 'अनौपचारिक' संबंध रखते हैं, लेकिन वे इजराइल के कब्ज़े का विरोध करते आए हैं। हालाँकि, कुछ मुस्लिम देश ऐसे भी हैं जिन्होंने इजराइल को औपचारिक रूप से मान्यता दी है, लेकिन उनमें से सभी ने अपने दूतावास इजराइल में नहीं खोले हैं।


तेल अवीव में मुस्लिम देशों के दूतावास

जिन मुस्लिम बहुल देशों के इजराइल के तेल अवीव में राजनयिक दूतावास या संपर्क कार्यालय हैं, वे इस प्रकार हैं:

  • मिस्र: मिस्र और इजराइल के बीच 1979 में हुए कैंप डेविड समझौते के बाद से राजनयिक संबंध स्थापित हैं, और मिस्र का दूतावास तेल अवीव में स्थित है।
  • जॉर्डन: जॉर्डन ने 1994 में इजराइल के साथ शांति संधि (वादी अरबा) पर हस्ताक्षर किए थे, और इसका दूतावास भी तेल अवीव में है।
  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE): 2020 में हुए अब्राहम समझौते के बाद UAE ने इजराइल के साथ राजनयिक रिश्ते स्थापित किए, और इसका दूतावास तेल अवीव में सक्रिय है।
  • बहरीन: अब्राहम समझौते के तहत 2020 में बहरीन ने भी इजराइल के साथ संबंध सामान्य किए, और इसका दूतावास इजराइल में मौजूद है।
  • मोरक्को: मोरक्को ने भी 2020 में अब्राहम समझौते के हिस्से के रूप में इजराइल के साथ राजनयिक संबंध बहाल किए और इसका दूतावास/संपर्क कार्यालय इजराइल में स्थापित है।
  • सूडान: सूडान ने भी 2020 में अब्राहम समझौते के तहत इजराइल के साथ संबंध सामान्य करने की प्रक्रिया शुरू की। हालाँकि, इसका दूतावास स्थापित करने की प्रक्रिया अभी पूरी तरह से लागू नहीं हुई है, और राजनयिक उपस्थिति सीमित हो सकती है।

बिना दूतावास और मान्यता के भी इजराइल के साथ संबंध

अज़रबैजान और तुर्की दो ऐसे मुस्लिम देश हैं जो इजराइल को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं देते हैं। हालाँकि, इन दोनों ही देशों के इजराइल के साथ अच्छे संबंध हैं और वे इजराइल के साथ व्यापार भी करते हैं।

यह दर्शाता है कि इजराइल और मुस्लिम देशों के बीच संबंधों की प्रकृति बेहद जटिल और बहुआयामी है, जहाँ औपचारिक मान्यता, राजनयिक उपस्थिति और आर्थिक संबंध विभिन्न स्तरों पर मौजूद हैं।