अहमदाबाद विमान हादसा: इमरजेंसी पावर सिस्टम ऑन होने से गहराया रहस्य, क्या इंजन फेल हुए थे?
अहमदाबाद विमान हादसे की जांच में खुलासा हुआ है कि क्रैश के समय विमान का इमरजेंसी पावर सिस्टम (RAT) चालू था। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या टेक-ऑफ के दौरान दोनों इंजन फेल हो गए थे या अन्य तकनीकी खराबी आई थी।

अहमदाबाद विमान हादसे की जांच में एक अहम तथ्य सामने आया है, जिससे कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पता चला है कि एयर इंडिया का बोइंग 787 हवाई जहाज जब क्रैश हुआ, तो उसमें आपातकालीन पावर सिस्टम (Emergency Power System) चालू था। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या टेक-ऑफ के वक्त विमान के दोनों इंजन खराब हो गए थे या किसी अन्य सिस्टम में बड़ी खराबी आई थी।
इमरजेंसी पावर सिस्टम का सक्रिय होना: एक चौंकाने वाला खुलासा
विमान हादसे की जांच में लगी एक टीम के हवाले से वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इसका खुलासा किया है। इस हादसे में तकरीबन 270 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें विमान में सवार 241 यात्री और क्रू मेंबर थे, जबकि शेष मेडिकल छात्र व अन्य लोग थे जो इस हादसे का शिकार हुए थे। इस हादसे की गहन जांच की जा रही है, और प्राथमिक जांच में सबसे चौंकाने वाली बात इमरजेंसी पावर सिस्टम का ऑन होना ही है।
क्या होता है इमरजेंसी पावर सिस्टम (RAT)?
हर विमान में एक इमरजेंसी पावर सिस्टम होता है, जिसे रैम एयर टरबाइन यानी RAT कहते हैं। यह एक छोटा प्रोपेलर होता है, जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के पंखों के बाद बिल्कुल नीचे होता है। यह विमान के लिए एक बैकअप जनरेटर का काम करता है। हालांकि, इसकी ज़रूरत तभी पड़ती है जब इंजन काम न कर रहे हों। अगर इंजन ठीक काम कर रहे हैं, तो बिजली बनाने का जिम्मा उन्हीं का होता है, ताकि विमान आसानी से अपना सफर पूरा कर सके।
कब एक्टिव होता है RAT?
एयर कमोडोर ए.एस. बहल ने बताया कि इमरजेंसी पावर सिस्टम RAT अपने आप तब एक्टिव हो जाता है जब विमान के दोनों इंजन फेल हो जाएँ या हाइड्रोलिक सिस्टम का प्रेशर कम हो जाए। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बोइंग के एक मैनुअल के हवाले से लिखा है कि यह तब भी सक्रिय हो सकता है जब कॉकपिट के उपकरणों में बिजली चली जाए या विमान के इलेक्ट्रिक मोटर पंपों में समस्या आए। इस सिस्टम को ज़रूरत पड़ने पर पायलट द्वारा मैन्युअल रूप से भी सक्रिय किया जा सकता है।
क्या RAT सक्रिय था और फिर भी हादसा क्यों नहीं टला?
एयर कमोडोर ए.एस. बहल इसकी संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं कि उस समय RAT एक्टिव हो चुका था। वह कहते हैं कि विमान में जो एकमात्र यात्री विश्वास कुमार बचे थे, उन्होंने बताया था कि "प्लेन ने पहले उड़ान भरी, फिर वह बीच में रुक सा गया था। इसके बाद प्लेन ने नीचे आना शुरू किया और तेज़ आवाज़ आनी शुरू हुई।" अगर इस बयान को RAT के सक्रिय होने से कोरिलेट करें तो यह समझ में आता है कि उस समय RAT एक्टिव हो चुका था।
बहल यह भी कहते हैं कि जब प्लेन ने टेक-ऑफ किया, वह ऊपर उठा लेकिन उसके पहिए ऊपर नहीं किए गए थे, जबकि ऐसा कर दिया जाता है। इसका मतलब कुछ खामी तो अचानक आई थी। उनका मानना है कि अगर वहाँ कोई खुला मैदान होता तो प्लेन लैंड हो जाता और इतना नुकसान नहीं होता।
हालांकि, एयर कमोडोर बहल ने यह भी बताया कि यदि RAT शुरू भी हो गया था, तो उसके लिए इतने बड़े विमान को लिफ्ट करना मुश्किल था। वह कहते हैं कि पायलट आखिरी मिनट तक जहाज के साथ जूझ रहा था। ऐसा कहा जा रहा है कि इमारत के आगे मैदान था, अगर विमान में थोड़ी सी ताकत और होती तो शायद हादसा नहीं होता।
विमान के एडवांस्ड इंजन और हादसे का घटनाक्रम
एयर कमोडोर के मुताबिक, विमान में बहुत ही एडवांस्ड इंजन था, जो इतना ताकतवर है कि विमान एक ही इंजन पर भी उड़ सकता है। हालांकि, बोइंग के तमाम अधिकारी कुछ चीज़ों से खुश नहीं थे, और कई रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है कि उन्होंने बोइंग पर सवाल भी उठाए थे और कहा था कि शॉर्टकट नहीं लेना है।
हादसे के वक्त, अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की 171A फ़्लाइट ने टेक-ऑफ कर लिया था और 625 फीट की ऊँचाई भी हासिल कर ली थी। हालांकि, ठीक 50 सेकंड के अंदर ही इसका लोकेशन डेटा ट्रांसमिट होना बंद हो गया था। पायलट ने 'मेडे' (MayDay) कॉल किया, लेकिन इसके तुरंत बाद कॉकपिट से संपर्क कट गया था। हादसे में जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश ने भी कहा था कि उड़ान भरने के कुछ समय बाद विमान एकदम से रुक गया, केबिन में हरी और सफेद लाइटें जलीं, फिर विमान जा टकराया, और वह इमरजेंसी एग्जिट से बाहर निकल गए और फिर धमाका हुआ।
यह सभी तथ्य जांच एजेंसियों को इस भयावह दुर्घटना के पीछे के वास्तविक कारणों को समझने में मदद करेंगे।