varanasi News : वाराणसी में 27 साल बाद पकड़ा गया 50 हजार का इनामी हत्यारा, गुजरात में बदल ली थी पहचान
वाराणसी में 27 साल पुराने हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में फरार चल रहे 50 हजार के इनामी बदमाश कल्लू सिंह उर्फ त्रिभुवन सिंह को गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने हेरिटेज अस्पताल के अधिकारी की गोली मारकर हत्या की थी।

varanasi Crime : वाराणसी में 27 साल पहले हुई एक हाई-प्रोफाइल हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में फरार चल रहे 50 हजार के इनामी बदमाश कल्लू सिंह उर्फ त्रिभुवन सिंह को लंका पुलिस ने गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। कल्लू सिंह भगवतीपुर का रहने वाला है।
क्या था 27 साल पुराना मामला?
यह घटना 17 अप्रैल 1997 को हुई थी। लंका स्थित हेरिटेज अस्पताल के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी विधान चंद्र तिवारी की अस्पताल के बाहर पोर्टिको में गाड़ी की बोनट पर फ़ाइल रखकर दस्तखत करते समय दो हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हमले में मौके पर मौजूद राजेश कुमार और महंत यादव भी गोली लगने से घायल हो गए थे।
हमलावर भागते समय राजदूत मोटरसाइकिल पर सवार थे। नैपुरा कला में सीरगोवर्धनपुर के रहने वाले हिस्ट्रीशीटर मायाराम यादव उर्फ मायालु यादव और नैपुरा के रहने वाले हीरा राजभर को भी गोली मारकर घायल करके वे भाग निकले थे। इस घटना के बाद मायालु यादव ने अपने सगे बड़े भाई के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था।
जांच और आरोपियों की पहचान
जांच के दौरान तत्कालीन सीओ भेलुपुर जे एन सिंह ने गोली चलाने में सीरगोवर्धनपुर के रहने वाले बदमाश बालेन्द्र सिंह उर्फ बल्ला और लंका के भगवतीपुर गांव के रहने वाले कल्लू सिंह उर्फ त्रिभुवन सिंह का नाम सामने आया था। घटना के बाद से आरोपी त्रिभुवन सिंह फरार हो गया था, जबकि बालेन्द्र सिंह उर्फ बल्ला को पुलिस ने 16 जुलाई 2002 को चंदौली जिले के सिंघीताली इलाके में एक मुठभेड़ में मार गिराया था।
गुजरात में बदली पहचान, फिर हुई गिरफ्तारी
त्रिभुवन सिंह उर्फ कल्लू घटना के बाद से ही अपनी पहचान छिपाकर गुजरात के अहमदाबाद में रह रहा था। वह 50 हजार रुपये का इनामी बदमाश था। इंस्पेक्टर लंका शिवाकांत मिश्रा को मुखबिर के ज़रिए आरोपी कल्लू सिंह के अहमदाबाद में होने की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस टीम भेजकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने घटना में घायल हुए बचे वादियों को घटना के समय की फोटो दिखाकर आरोपी की पहचान की पुष्टि कराई।
क्यों हुई थी हत्या?
पुलिस के अनुसार, बालेन्द्र सिंह उर्फ बल्ला और कल्लू सिंह ने रंगदारी और इलाके में भय पैदा करने के लिए हेरिटेज अस्पताल के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी की हत्या की थी और अस्पताल के बाहर दो अन्य लोगों को भी गोली मारी थी। भागते समय रास्ते में मायालु साइकिल से जाते हुए मिल गया, जिस पर बालेन्द्र सिंह और कल्लू ने चार राउंड फायर किए थे। मायालु को पेट में दो गोलियां लगी थीं। इस गोलीकांड के दौरान रास्ते से गुजर रहे नैपुरा के रहने वाले दयाराम राजभर को भी पैर में एक गोली लगी थी।
गिरफ्तार करने वाली टीम में इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा, उपनिरीक्षक सिद्धांत राय और सिपाही विजय कुमार सिंह, विजय कुमार शुक्ला शामिल थे।
गांव में हैरानी: कल्लू तो मर चुका था
लंका पुलिस द्वारा कल्लू सिंह की गिरफ्तारी होने के बाद उसके गांव भगवतीपुर में यह चर्चा का विषय बन गया है। आरोपी घटना के बाद से ही घर छोड़कर फरार हो गया था। गांव में उसकी पत्नी और एक बेटी रहती थीं। बेटी की शादी हो चुकी है। गोलीकांड के बाद आरोपी पत्नी और बच्ची को छोड़कर फरार हो गया था। पत्नी और बेटी किसी निजी अस्पताल में काम करके अपना जीवन-यापन करती थीं। उसकी गिरफ्तारी होने पर गांव में किसी को यकीन नहीं हुआ, क्यों कि पत्नी, बेटी सहित गांव के लोग जानते थे कि कल्लू मर चुका है।