ईरान में इजराइली 'जासूसों' का जाल: 38 गिरफ्तार, सैन्य और ऊर्जा ठिकानों पर हमले
Israel ne Iran ke andar apne agents se military aur energy thikanon par hamle kiye. Iran ne 38 Izraili jasuson ko giraftar kiya hai. Dono deshon ke beech tanav badh raha hai.

इजराइल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर है। 13 जून 2025 की सुबह से शुरू हुए इन हमलों में इजराइल ने ईरान के सैन्य और ऊर्जा ठिकानों को ताबड़तोड़ निशाना बनाया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन हमलों में से ज़्यादातर इज़राइल ने ईरान के अंदर ही अपने एजेंटों के ज़रिए करवाए हैं, जिससे ईरानी खुफिया एजेंसियां गहरी मुसीबत में हैं।
ईरानी एजेंसियों का जासूसों के खिलाफ अभियान
शुक्रवार को हुए हमलों के बाद से ईरानी एजेंसियां इन कथित जासूसों को ढूंढने के लिए एक बड़ा अभियान चला रही हैं। इस अभियान के तहत अब तक 38 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है। आने वाले दिनों में ऐसी और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है।
लगातार हो रही कार्रवाई
- रविवार को गिरफ्तारी: ईरानी बलों ने इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के दो जासूसों को गिरफ्तार किया। ईरानी मीडिया ने बताया कि इन संदिग्धों ने अपने ठिकानों का इस्तेमाल बम, विस्फोटक सामग्री, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने के लिए किया था।
- सोमवार को ड्रोन-बम फैक्ट्री ध्वस्त: सुरक्षा एजेंसियों ने सोमवार को तेहरान के दक्षिण में रे के बाहरी इलाके में मोसाद से जुड़ी एक 'गुप्त ड्रोन-बम फैक्ट्री' को ध्वस्त करने का दावा किया। इस ऑपरेशन में 200 किलोग्राम विस्फोटक, 23 ड्रोन, लॉन्च प्लेटफॉर्म और आत्मघाती ड्रोन घटक बरामद किए गए। इसी कार्रवाई के दौरान, कई प्रांतों में कम से कम 28 कथित इजरायली एजेंटों को गिरफ्तार किया गया।
- बुधवार को 5 और गिरफ्तार: ईरानी समाचार एजेंसियों ने बुधवार (आज) को जानकारी दी कि इजराइल की मोसाद खुफिया एजेंसी के पांच संदिग्ध एजेंटों को लोरेस्तान के पश्चिमी प्रांत में देश की छवि ऑनलाइन खराब करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
ईरान-इजराइल संघर्ष: एक बड़ी जंग की आशंका
इजराइल ने दावा किया है कि उन्होंने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है, क्योंकि ये उनकी सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा थे। यह संघर्ष अपने छठे दिन में दाखिल हो गया है और इसके रुकने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। दोनों देशों के बीच लगातार हो रहे वार-पलटवार से एक बड़ी जंग की संभावना बढ़ती जा रही है, जो पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।