यूपी 2027 चुनाव: बसपा की नई रणनीति, 1600 टीमें मैदान पर; बिहार के बाद यूपी में सक्रिय होंगे आकाश आनंद
UP Assembly Election 2027 ke liye BSP ne taiyari shuru ki. Maya ji ki nigrani mein 1600 teamein gaon-gaon mein sakriya. Jaaniye Bihar ke baad Akash Anand ka UP plan.

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: बीते कई चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए अभी से कमर कस ली है। पार्टी सुप्रीमो मायावती सीधे तौर पर इस पूरी रणनीति की निगरानी कर रही हैं, जिसका मुख्य फोकस जमीनी स्तर पर जनाधार बढ़ाना है।
1600 टीमें गांव-गांव में सक्रिय
बसपा ने डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गांव-गांव जाकर अपना जनाधार बढ़ाने का अभियान शुरू कर दिया है। पार्टी की करीब 1600 टीमें इस वक्त मैदान पर सक्रिय हैं, जो गांवों में पोलिंग बूथ और सेक्टर कमेटियां बनाकर लोगों को पार्टी से जोड़ रही हैं। बसपा का कहना है कि पदाधिकारी भी नियुक्त किए जा रहे हैं, जो लोगों को बसपा की नीतियों और विपक्षी दलों की "साजिशों" के बारे में बता रहे हैं।
2007 के फॉर्मूले पर वापसी
पार्टी अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर भाईचारा कमेटी और ओबीसी कमेटी लगातार काम कर रही हैं। पार्टी नेताओं का मानना है कि जिस तरह वर्ष 2007 में भाईचारा कमेटियों के ज़रिये समाज के सभी वर्गों के लोगों का गठबंधन स्थापित करते हुए सरकार बनाई गई थी, उसी फॉर्मूले पर अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी है। इसके तहत गांव-गांव जाकर कमेटियों का गठन करना पहली प्राथमिकता है, जिसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में चार टीमें बनाई जा चुकी हैं।
पार्टी का मानना है कि बसपा नेताओं की नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं की पार्टी है। बसपा सरकार में गुमनाम चेहरों को भी इसी तरह सियासी पहचान मिली थी। इसी वजह से पूरा फोकस विधानसभा स्तर पर बूथ कमेटियों, भाईचारा कमेटी और ओबीसी समाज को जोड़ने पर है। फिलहाल, पार्टी तराई और अवध के इलाकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए तेज़ी से संगठन का विस्तार कर रही है।
बिहार चुनाव के बाद यूपी में आकाश आनंद की सक्रियता
वहीं, पार्टी के चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद बिहार चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में भी सक्रिय हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, फिलहाल बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर आकाश आनंद बिहार चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। इसके बाद उन्हें यूपी में भी सक्रिय किया जा सकता है। फिलहाल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के संगठन की समीक्षा और उससे जुड़े सभी फैसले बसपा सुप्रीमो खुद ले रही हैं।
बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा, "बसपा नेताओं की नहीं, कार्यकर्ताओं की पार्टी है। समाज के सभी वर्गों के आपसी भाईचारे की बदौलत हमने सरकार भी बनाई है। बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर गांव-गांव जाकर कार्यकर्ताओं के ज़रिये संगठन को मज़बूत किया जा रहा है। बसपा ऐसी नर्सरी है, जो नेता बनाती है।" उन्होंने यह भी कहा कि पहले बड़ा मुकाम हासिल करने वाले नेता अपने बेटे-बेटियों के चक्कर में दूसरे दलों में चले गए थे।