लखनऊ: डॉक्टरों को अब मरीज की मौत का कारण लिखित में देना होगा अनिवार्य!
अब डॉक्टरों को मरीज की मौत का कारण लिखित में देना अनिवार्य किया गया।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब डॉक्टरों के लिए किसी मरीज की मौत का कारण लिखित रूप में देना अनिवार्य कर दिया गया है। यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद जन्म-मृत्यु प्रमाणीकरण अधिनियम में किए गए संशोधन के तहत लागू किया गया है।
नए नियम के अनुसार, मृत्यु प्रमाण पत्र पर मौत का सटीक और स्पष्ट कारण दर्ज करना होगा। इसके साथ ही, मृतक के परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति निःशुल्क प्रदान की जाएगी।
इस पहल का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य मृत्यु कारणों का राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना है। सरकार का मानना है कि इस डेटाबेस से स्वास्थ्य नीतियों को अधिक सटीक और सशक्त बनाया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, मृत्यु प्रमाण पत्र से संबंधित जानकारी गृह मंत्रालय के पोर्टल पर भी अपलोड की जाएगी।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि नियमों का पालन न करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार का कहना है कि इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी, मृत्यु के फर्जी प्रमाण पत्रों पर रोक लगेगी और देश में बीमारी व मृत्यु से जुड़ी गंभीर स्वास्थ्य नीतियों को मजबूती मिलेगी।