वाराणसी में 'एक राष्ट्र - एक चुनाव' पर युवाओं को जागरूक करने हेतु गोष्ठी आयोजित

वाराणसी के वसंत कन्या महाविद्यालय में 'एक राष्ट्र - एक चुनाव' विषय पर आयोजित गोष्ठी में प्रदेश कोषाध्यक्ष मनीष कपूर ने युवाओं को जागरूक करते हुए इस प्रणाली के लाभों पर प्रकाश डाला।

वाराणसी में 'एक राष्ट्र - एक चुनाव' पर युवाओं को जागरूक करने हेतु गोष्ठी आयोजित

वाराणसी में 'एक राष्ट्र - एक चुनाव' पर युवाओं को जागरूक करने हेतु गोष्ठी आयोजित

????️ वाराणसी से संवाददाता ओम प्रकाश पटेल की विशेष रिपोर्ट | संपन्न भारत न्यूज़

वाराणसी | 29 अप्रैल 2025
वाराणसी स्थित वसंत कन्या महाविद्यालय में मंगलवार को 'एक राष्ट्र - एक चुनाव' विषय पर समसामयिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को लेकर जागरूकता फैलाना और नीति निर्माण में उनकी भूमिका को मजबूत करना था।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष मनीष कपूर ने इस विचार को विस्तार से प्रस्तुत करते हुए कहा कि 'एक राष्ट्र - एक चुनाव' प्रणाली देश को कई स्तरों पर लाभ पहुँचा सकती है। उन्होंने कहा, “जब देश में सभी चुनाव — लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय — एक साथ कराए जाएं, तो इससे न सिर्फ समय और संसाधनों की बचत होगी बल्कि शासन प्रणाली भी अधिक स्थिर और प्रभावी होगी।”

मनीष कपूर ने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से सरकारें लगातार चुनावी मोड में रहती हैं, जिससे दीर्घकालिक नीतियों के क्रियान्वयन में बाधा आती है। यदि सभी चुनाव एक साथ होंगे, तो नीतियों की निरंतरता बनी रहेगी और शासन बेहतर ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेगा।

गोष्ठी में शिक्षकों, विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए। अधिकतर प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति जताई कि बार-बार चुनाव कराना न केवल महंगा है, बल्कि इससे प्रशासनिक संसाधनों पर भी अत्यधिक दबाव पड़ता है।

कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय प्रशासन और समाज विज्ञान विभाग की संयुक्त पहल पर किया गया था। विद्यार्थियों ने प्रश्नोत्तर सत्र में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और इस प्रणाली के तकनीकी, संवैधानिक और सामाजिक पहलुओं को लेकर जिज्ञासा जताई।

???? गोष्ठी के मुख्य बिंदु:

  • चुनावों की बारंबारता से नीति निर्माण प्रभावित होता है।

  • एकसाथ चुनाव होने से खर्च में कमी, पारदर्शिता में वृद्धि संभव।

  • स्थिर शासन और विकास की गति में तेजी लाने में सहायक।

गोष्ठी के अंत में वसंत कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य ने सभी अतिथियों का आभार जताते हुए युवाओं से लोकतांत्रिक सहभागिता बढ़ाने की अपील की।