वाराणसी एयरपोर्ट का होगा कायाकल्प: टनल के ऊपर से गुजरेंगे बोइंग B-777 विमान, विस्तार शुरू
वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का 774 एकड़ में विस्तार किया जाएगा। भारत के पहले ऐसे एयरपोर्ट का निर्माण होगा जहाँ टनल के ऊपर से सबसे बड़े विमान बोइंग B-777 की आवाजाही हो सकेगी। रनवे और टर्मिनल का भी विस्तार किया जाएगा।

Varanasi News : वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अब बड़े बदलावों के लिए तैयार है। 774 एकड़ में विस्तार की योजना के तहत यहाँ 450 मीटर लंबी टनल और 2.40 किलोमीटर की छह लेन ग्रीनफील्ड सड़क का निर्माण किया जाएगा। यह भारत का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जहाँ टनल के ऊपर बने रनवे से बोइंग बी-777 जैसे सबसे बड़े विमानों की आवाजाही हो सकेगी।
टनल और रनवे का काम जल्द होगा शुरू
कार्यदायी संस्था कालुवाला कंस्ट्रक्शन ने निर्माण के लिए सीमेंट और अन्य सामग्रियाँ एयरपोर्ट पर पहुँचानी शुरू कर दी हैं। जुलाई से टनल का काम शुरू हो जाएगा, और यह टनल एनएच-31 से जुड़ेगी। वहीं, रनवे का विस्तार अगस्त माह से शुरू होने की उम्मीद है। इस टनल को 24 घंटे वीडियो सर्विलांस और एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस किया जाएगा, जिससे सुरक्षा और यातायात प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
विस्तार परियोजना का विवरण
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना 652.54 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की जाएगी।
- एयरपोर्ट का विस्तार: कुल 774 एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा।
- टनल की गहराई: यह टनल साढ़े छह मीटर गहरी होगी।
- सड़क निर्माण: 2.40 किलोमीटर लंबी ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क का भी निर्माण किया जाएगा।
- रनवे का विस्तार: वर्तमान में रनवे की लंबाई 2745 मीटर है, जिसे बढ़ाकर 4075 मीटर किया जाएगा, ताकि बड़े विमानों की लैंडिंग और टेक-ऑफ आसान हो सके।
- टर्मिनल का विस्तार: एयरपोर्ट का टर्मिनल वर्तमान में 24500 वर्ग मीटर में फैला है, जिसे बढ़ाकर 99500 वर्ग मीटर किया जाएगा, जिससे यात्रियों के लिए अधिक जगह और सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की उम्मीदें
वर्तमान में वाराणसी एयरपोर्ट पर रोज़ाना 80 से 82 विमानों की आवाजाही होती है और यहाँ से लगभग 10 से 12 हज़ार यात्री यात्रा करते हैं। इस बड़े विस्तार से वाराणसी एयरपोर्ट की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे यह क्षेत्र में हवाई यातायात का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकेगा। यह परियोजना न केवल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, बल्कि पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी।