चित्रकूट: एसटीएफ ने साइबर क्राइम के बड़े गिरोह का किया पर्दाफाश, 6 गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने चित्रकूट में एक बड़े साइबर क्राइम गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह टेलीकॉम कंपनियों के अधिकारियों से मिलकर फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। सरगना समेत 6 सदस्य गिरफ्तार, भारी मात्रा में सिम कार्ड और उपकरण बरामद।

चित्रकूट, शनिवार, 17 मई 2025। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को चित्रकूट में एक बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो टेलीकॉम कंपनियों के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर साइबर अपराध करने वाले गिरोहों को फर्जी तरीके से सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। इस कार्रवाई में गिरोह के सरगना समेत 6 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ ने जिन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम हैं: ओमप्रकाश अग्रहरि, शिवदयाल निषाद, राहुल पांडे, जितेंद्र कुमार, शिवबाबू और सुरेंद्र सिंह। इन अभियुक्तों के पास से पुलिस ने विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों के बड़ी संख्या में सिम कार्ड, बायोमेट्रिक स्कैनर और कुछ नकदी भी बरामद की है।
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पता चला है कि गिरोह के सरगना ओम प्रकाश अग्रहरि ने वर्ष 2006 में अग्रहरि कम्युनिकेशन नाम से एक फर्म बनाई थी और हच (Hutch) कंपनी से डिस्ट्रीब्यूटरशिप ली थी। इसके बाद, 2009 से 2014 तक शिवदयाल निषाद इसी अग्रहरि कम्युनिकेशन में डायरेक्ट सेल्स एग्जीक्यूटिव (डीएसई) के पद पर काम कर चुका है।
एसटीएफ की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि इस गिरोह ने पिछले 2-3 वर्षों में लगभग 10,000 से अधिक सिम कार्ड अनाधिकृत तरीके से एक्टिवेट किए हैं। इन फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल साइबर अपराधी विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड और अन्य अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करते थे।
गिरफ्तार अभियुक्तों से मिली जानकारी के आधार पर एसटीएफ अब गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके अलावा, अभियुक्तों से बरामद हुए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि इस गोरखधंधे की गहराई और इसमें शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जा सके।
एसटीएफ की इस कार्रवाई से साइबर अपराधों पर लगाम लगाने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। फर्जी सिम कार्ड साइबर अपराधियों के लिए एक बड़ा हथियार होते हैं, जिनकी मदद से वे अपनी पहचान छुपाकर वारदातों को अंजाम देते हैं। इस गिरोह के पर्दाफाश होने से उम्मीद है कि साइबर अपराधों में कुछ कमी आएगी।