वाराणसी में शराब दुकानों पर मनमानी: समय से पहले-बाद में बिक्री और तय कीमत से ज्यादा वसूली, प्रशासन पर सवाल

वाराणसी में शराब, बीयर और देशी शराब की दुकानें निर्धारित समय से पहले और बाद में खुल रही हैं, साथ ही प्रिंट रेट से ज़्यादा दाम वसूले जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन की सुस्ती पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि शिकायतों के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

वाराणसी में शराब दुकानों पर मनमानी: समय से पहले-बाद में बिक्री और तय कीमत से ज्यादा वसूली, प्रशासन पर सवाल

वाराणसी: धर्मनगरी वाराणसी में शराब, बीयर और देशी शराब की दुकानों पर नियमों का उल्लंघन खुलेआम हो रहा है। निर्धारित समय से पहले और बाद में शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है, वहीं प्रिंट रेट से अधिक दाम वसूलना भी आम बात हो गई है। हैरानी की बात यह है कि प्रिंट रेट से अधिक वसूली पर तो आबकारी विभाग कभी-कभी जांच का आदेश दे देता है, लेकिन समय से पहले और बाद में शराब बेचने को लेकर स्थानीय प्रशासन की उदासीनता साफ दिख रही है।


गश्त की तस्वीरें जाती हैं, पर कार्रवाई नदारद

स्थानीय प्रशासन द्वारा नियमित गश्त की तस्वीरें तो उच्चाधिकारियों तक भेजी जाती हैं, लेकिन इन तस्वीरों में शराब दुकानों पर निर्धारित समय का उल्लंघन करते हुए बिक्री को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिखती। यह सवाल उठता है कि क्या स्थानीय प्रशासन को इन गतिविधियों की जानकारी नहीं है, या फिर... और कुछ वजह है?


'सूत्रों' के हवाले से गंभीर आरोप

सूत्रों की मानें तो शहर के लगभग हर थाने और चौकी में इन अनियमितताओं के बदले 'कुछ' पहुंचता है, जिसके कारण इन नियमों का उल्लंघन बेरोकटोक जारी रहता है। यह भी देखा गया है कि जब भी यह खबर मीडिया में आती है, तो कुछ दिनों के लिए सख्ती दिखती है, लेकिन उसके बाद फिर वही पुराना रवैया हो जाता है।


स्थानीय प्रशासन पर उठते सवाल

यह स्थिति स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जब नियमों का स्पष्ट उल्लंघन हो रहा हो और उसकी जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई न की जाए, तो यह स्थानीय लोगों में असंतोष पैदा करता है। प्रशासन को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए और निर्धारित समय के उल्लंघन और अधिक कीमत वसूली जैसी अवैध गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगानी चाहिए ताकि कानून का राज कायम रहे और नियमों का पालन हो।

क्या आपको लगता है कि इस तरह की अनियमितताओं के पीछे स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत हो सकती है?