काशी में पतंजलि इंटरनेशनल स्कूल का शिलान्यास: भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक शिक्षा का संगम
Kashi mein pehle Patanjali International School ka shilanyas hua. Yeh school Bhartiya Shiksha Board se manyata prapt hoga aur aadhunik shiksha ke saath Bhartiya gyan parampara ko jhodega. Swami Ramdev iske president hain.

वाराणसी: काशी की पुण्य भूमि पर, प्रभु की कृपा और संतों के आशीर्वाद से, आज (सोमवार, 16 जून 2025) प्रथम पतंजलि इंटरनेशनल स्कूल का शिलान्यास समारोह अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। यह विद्यालय भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) से मान्यता प्राप्त होगा, जिसका उद्देश्य आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय ज्ञान परंपरा का समन्वय कर एक संतुलित, समग्र और मूल्यनिष्ठ शिक्षा प्रणाली की स्थापना करना है।
कार्यक्रम का शुभारंभ और प्रमुख उद्बोधन
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और मंगलाचरण के साथ हुआ। विषय प्रवेश मुकुंद पांडे द्वारा किया गया।
प्रज्ञा प्रवाह के वरिष्ठ प्रचारक श्री राम आशीष जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश हमारी शिक्षा प्रणाली में अनिवार्य है। उन्होंने जोर दिया कि यह शैक्षिक परंपरा भारतीयता की विशिष्टताओं को संजोए हुए, भारत की आध्यात्मिक संस्कृति की संवाहक होगी।
भारतीय शिक्षा बोर्ड का दृष्टिकोण: नेतृत्व और चरित्र निर्माण
कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. एन.पी. सिंह ने की। डॉ. सिंह ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि शिक्षा केवल नौकरी के लिए नहीं, बल्कि नेतृत्व, चरित्र निर्माण और समग्र विकास के लिए होनी चाहिए। उन्होंने मैकाले की औपनिवेशिक शिक्षा पद्धति की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय शिक्षा में भारतीय ज्ञान, संस्कृति, मूल्य और भाषाओं का समावेश अनिवार्य है।
डॉ. सिंह ने विस्तार से बताया कि भारतीय शिक्षा बोर्ड का उद्देश्य ऐसी शिक्षा देना है, जिसमें आधुनिक विज्ञान, तकनीक और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ भारतीय परंपराओं और मूल्यों का संतुलन हो। इससे ऐसे युवा तैयार होंगे, जो न केवल वैश्विक नागरिक बनें, बल्कि भारत की संस्कृति और प्रकृति के साथ सामंजस्य भी स्थापित करें। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली का आदर्श मॉडल नेतृत्व, वैज्ञानिक सोच, नैतिकता, सांस्कृतिक बोध और व्यावहारिकता को एक साथ विकसित करता है, जिससे भारत को फिर से "विश्व गुरु" बनाया जा सके।
पाठ्यक्रम एवं शिक्षा नीति: नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप
डॉ. सिंह ने बताया कि बोर्ड का उद्देश्य मानव की श्रेष्ठता और सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित, आध्यात्मिक आधारित शिक्षा में नए आयाम स्थापित करना है। भारतीय शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी (NCERT) और एचसीएफ (NCF) के अनुसार होगा, जिसमें भारत की प्राचीन सभ्यता, मूल्य और संस्कृति का समावेश किया जाएगा। सभी विषय नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, साहित्यिक और व्यावसायिक संतुलन के साथ तैयार किए जाएंगे। इसमें कर्म, श्रम और नारी सम्मान की अवधारणा मूल में होगी।
बोर्ड वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच, समृद्धि और नेतृत्व निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। अनुसंधान संस्थान के ढांचे को इस प्रकार तैयार किया जाएगा कि भारत की अमूल्य धरोहर को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया जा सके।
प्रमुख उपस्थिति और संचालन
कार्यक्रम में काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यासिक प्रो. नागेंद्र पांडे, कथा वाचक सुधीर आनंदजी, हरिशंकर सिन्हा, अमित गुप्ता, ओम प्रकाश सेवा संघ आश्रम के रमेश बाबा जी, ज्वाला प्रसाद सिंह, इंजी. चंद्रशेखर, ऋतु श्रीवास्तव (आर्किटेक्ट, पतंजलि इंटरनेशनल स्कूल) और अनुराग आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. नंदलाल सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राहुल भारत ने दिया।
विशेष जानकारी
- शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 3 फरवरी 2023 को भारतीय शिक्षा बोर्ड के गठन की स्वीकृति दी गई थी।
- बोर्ड का संचालन पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार द्वारा किया जाएगा।
- बोर्ड के प्रेसिडेंट परम पूज्य स्वामी रामदेव जी हैं।