जालौन लव जिहाद: नाबालिग का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन व रेप का आरोप; पुलिस जांच पर सवाल

उत्तर प्रदेश के जालौन में एक 17 वर्षीय नाबालिग किशोरी ने मुस्लिम युवक साहिल पर अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन, निकाह का प्रयास और रेप का गंभीर आरोप लगाया है। परिजनों ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए प्रदर्शन किया। आरोपी साहिल को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जालौन लव जिहाद: नाबालिग का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन व रेप का आरोप; पुलिस जांच पर सवाल
लड़की के परिजन ने पुलिस को बताई आपबीती

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई कोतवाली क्षेत्र से 'लव जिहाद' का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक 17 वर्षीय नाबालिग किशोरी और उसके परिजनों ने मुस्लिम युवक साहिल और उसके परिवार पर अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन, निकाह का प्रयास और रेप जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता और लापरवाही को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।


धरना प्रदर्शन और पुलिस पर आरोप

इस घटना को लेकर किशोरी के परिजनों ने शुक्रवार को उरई कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया और तत्काल कार्रवाई की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया और किशोरी का दोबारा मेडिकल परीक्षण कराने का आश्वासन दिया।

पीड़िता और उसके परिजनों के अनुसार, मोहल्ले में रहने वाले युवक साहिल ने खुद को रोहित बताकर किशोरी से दोस्ती की। आरोप है कि 14 मई को साहिल उसे बहला-फुसलाकर हमीरपुर ले गया, जहां उसकी मां रेशमा और अन्य लोग भी मौजूद थे। हमीरपुर पहुंचते ही किशोरी पर धर्म परिवर्तन और निकाह के लिए दबाव बनाया जाने लगा। किशोरी ने आरोप लगाया है कि एक मौलवी ने उसे निकाह से पहले जबरन गाय का मांस खिलाने की कोशिश की और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।


रेप, जबरन धर्म परिवर्तन और पुलिस की निष्क्रियता

किशोरी का आरोप है कि इसके बाद साहिल उसे एक अन्य स्थान पर ले गया, जहां उसने उसके साथ रेप किया। साहिल और उसके परिवार ने उस पर जबरन इस्लाम अपनाने के लिए दबाव डाला और उसकी मर्जी के खिलाफ शादी करने की तैयारी भी की जा रही थी। इस गंभीर मामले में किशोरी के परिजनों ने कई बार स्थानीय पुलिस से संपर्क किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

परिजनों का कहना है कि 20 जून को किशोरी को बरामद तो कर लिया गया, लेकिन पुलिस ने तब भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया। आरोपी को तत्काल गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही पीड़िता का समय रहते मेडिकल परीक्षण कराया गया। पुलिस की इसी लापरवाही से नाराज होकर शुक्रवार को पीड़िता और उसका परिवार कलेक्ट्रेट पहुंचा और प्रदर्शन किया।

धरना स्थल पर परिजनों ने डिप्टी गंज चौकी प्रभारी पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि चौकी प्रभारी ने शुरू से ही मामले को दबाने और आरोपी पक्ष को बचाने की कोशिश की।


पुलिस का आश्वासन और आगे की कार्रवाई

धरना प्रदर्शन की सूचना मिलते ही क्षेत्राधिकारी (सीओ) अर्चना सिंह और उरई कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार राय मौके पर पहुंचे। सीओ अर्चना सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए किशोरी का दोबारा मेडिकल कराया जाएगा। उन्होंने जांच में तेजी लाने और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।

फिलहाल, मुख्य आरोपी साहिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जो इस घटना में शामिल बताए जा रहे हैं। परिजनों की मांग है कि साहिल, उसकी मां रेशमा और इस घटना में शामिल सभी लोगों पर कड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए।

यह मामला 'लव जिहाद' और पुलिस की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है, जिस पर आगे की विस्तृत जांच और निष्पक्ष कार्रवाई की अपेक्षा है।