भारत की 'ध्वनि' मिसाइल से पाक-चीन में खलबली, माक 21 की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की सैन्य ताकत!

भारत की नई 'ध्वनि' हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल मिसाइल, जो माक 21 की रफ़्तार से चलेगी और रडार को चकमा दे सकती है, पाकिस्तान और चीन के लिए चिंता का सबब बन गई है। यह मिसाइल भारत को वैश्विक रक्षा क्षेत्र में एक मज़बूत खिलाड़ी बनाएगी।

भारत की 'ध्वनि' मिसाइल से पाक-चीन में खलबली, माक 21 की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की सैन्य ताकत!

भारत अपनी रक्षा तैयारियों को एक नई दिशा देते हुए, एक गेमचेंजर मिसाइल सिस्टम, ‘ध्वनि’ हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) मिसाइल विकसित कर रहा है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की जा रही यह सुपर एडवांस्ड मिसाइल न केवल भारत की रक्षा क्षमता को मज़बूत करेगी, बल्कि वैश्विक रक्षा क्षेत्र में भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की कतार में ला खड़ा करेगी, जिससे पाकिस्तान और चीन जैसे देशों में खलबली मचना तय है।


क्या है ‘ध्वनि’ मिसाइल?

'ध्वनि' एक साधारण मिसाइल नहीं है। इसे एक शक्तिशाली रॉकेट के ज़रिए अधिक ऊंचाई पर लॉन्च किया जाएगा, जिसके बाद यह हाइपरसोनिक स्पीड से ग्लाइड करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंचेगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुश्मन के रडार को चकमा दे सकती है, जिससे इसे रोकना लगभग असंभव है।


‘ध्वनि’ की प्रमुख विशेषताएं:

  • शानदार रफ़्तार: ‘ध्वनि’ माक 21 (ध्वनि की गति से लगभग 21 गुना तेज) की गति से उड़ान भरेगी, यानी इसकी रफ़्तार लगभग 25,000 किमी/घंटा होगी।
  • लंबी रेंज: 5500+ किलोमीटर की रेंज के साथ, यह मिसाइल एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों तक पहुंचने में सक्षम होगी, जिससे यह अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की श्रेणी में आ जाएगी।
  • रडार से बचाव: यह मिसाइल उड़ान के दौरान अपना मार्ग बदल सकती है, जिससे दुश्मन की मिसाइल रक्षा प्रणालियां इसे पकड़ने में नाकाम रहेंगी।
  • हीट प्रोटेक्शन: वायुमंडलीय घर्षण से उत्पन्न होने वाली 3000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी को सहने के लिए इसमें खास हीट प्रोटेक्शन सिस्टम है।
  • स्टील्थ डिज़ाइन: इसका ब्लेंडेड विंग-बॉडी डिज़ाइन इसे रडार पर लगभग अदृश्य होने में मदद करता है।
  • दोहरी क्षमता: यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के पेलोड ले जाने में सक्षम है, जो इसे और भी घातक बनाता है।

विकास और भविष्य

'ध्वनि' का विकास हैदराबाद स्थित DRDO की एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरटरी (ASL) में हो रहा है। उम्मीद है कि यह मिसाइल 2029-30 तक भारतीय सशस्त्र बलों का हिस्सा बन सकती है। DRDO ने पहले ही माक 6 पर आधारित हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण कर लिया है, जो 'ध्वनि' का आधार बना है।

भारत की यह नई मिसाइल, वैश्विक शक्ति संतुलन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की क्षमता रखती है।