बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान शुरू, ओवैसी ने बताया 'छिपा हुआ NRC'
बिहार में 25 जून से 26 जुलाई 2025 तक मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू हो गया है। निर्वाचन आयोग BLOs के माध्यम से घर-घर जाकर डेटा एकत्र कर रहा है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे 'छिपा हुआ NRC' करार दिया है, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India - ECI) ने राज्यभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान शुरू कर दिया है। यह अभियान 25 जून से 26 जुलाई 2025 तक चलेगा, जिसके तहत बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) घर-घर जाकर मतदाताओं से जानकारी एकत्र कर रहे हैं और गणना प्रपत्र (Enumeration Forms – EF) भरवा रहे हैं।
अभियान का उद्देश्य और प्रक्रिया
बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना, नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना और अपात्र नामों को हटाना है। वर्तमान में राज्य में 7.89 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जिनके आंकड़ों को दोबारा सत्यापित किया जा रहा है।
निर्वाचन आयोग ने इस बार गणना प्रपत्र ऑनलाइन भरने की सुविधा भी प्रदान की है। मतदाता Voters.eci.gov.in पर जाकर अपने EPIC नंबर की मदद से प्रपत्र डाउनलोड कर सकते हैं और भरकर जमा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, ECINET मोबाइल ऐप भी जल्द शुरू किया जाएगा जिससे ऑनलाइन प्रक्रिया और आसान हो सकेगी।
प्रत्येक BLO मतदाताओं के घर जाकर उन्हें गणना प्रपत्र की दो प्रतियाँ देंगे। नागरिकों को फॉर्म भरकर अपनी नवीनतम फोटो लगानी होगी और साथ ही जन्मतिथि और जन्मस्थान का प्रमाणपत्र (जैसे जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल रिकॉर्ड, आदि) स्वयं सत्यापित कर संलग्न करना होगा। फॉर्म जमा करते समय BLO से पावती रसीद (Acknowledgement Receipt) लेना अनिवार्य होगा।
जागरूकता और भागीदारी
राज्य में पंजीकृत 5.74 करोड़ मोबाइल नंबरों पर SMS भेजकर मतदाताओं को इस अभियान की जानकारी दी जा रही है। जो मतदाता पहले से 2003 की गहन पुनरीक्षित सूची में हैं, उन्हें केवल अपनी जानकारी की पुष्टि करनी होगी।
चुनाव आयोग ने बताया कि इस अभियान में राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। अब तक राज्य में 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त किए जा चुके हैं, और पार्टियाँ आगे भी नियुक्तियाँ कर सकती हैं। आयोग ने राज्य में पहले से तैनात 77,895 BLO के अलावा, 20,603 नए BLO की नियुक्ति भी की है। साथ ही, एक लाख से अधिक स्वयंसेवकों को इस अभियान से जोड़ा गया है जो विशेष रूप से वृद्ध, बीमार, दिव्यांग और वंचित वर्ग के मतदाताओं की सहायता करेंगे।
इस व्यापक पुनरीक्षण प्रक्रिया के बाद 30 सितंबर 2025 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
राजनीतिक विवाद
इस अभियान को लेकर बिहार की राजनीति भी गरमा गई है। एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे “छिपा हुआ NRC” करार दिया है, जबकि सत्तारूढ़ दलों ने इसे पूर्व की चुनावी धांधली पर चुनाव आयोग की सख्ती बताया है। सत्ता पक्ष का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस बीच, आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने दस्तावेज तैयार रखें, BLO से संपर्क में रहें और समय पर अपनी जानकारी सत्यापित करवाएं ताकि उन्हें आगामी चुनावों में मतदान का अधिकार प्राप्त हो सके।
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