दिलीप कुमार: भारत के 'ट्रेजेडी किंग' जिन्हें पाकिस्तान ने दिया था सर्वोच्च नागरिक सम्मान
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार, जिनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था, उन्हें पड़ोसी देश ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'निशान-ए-इम्तियाज' से नवाज़ा था। भारत में भी उन्हें पद्म भूषण, दादा साहेब फाल्के और पद्म विभूषण जैसे कई बड़े पुरस्कार मिले थे।

हिंदी सिनेमा के महान और दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार (असली नाम यूसुफ खान) अपने अभिनय के दम पर न केवल भारत में बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी लाखों दिलों पर राज करते थे। उनका जन्म पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था, हालांकि बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आ गया था। दिलीप कुमार ने अपने शानदार करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दीं, जिसके लिए उन्हें भारत में कई बड़े पुरस्कारों से नवाजा गया, लेकिन पाकिस्तान ने उन्हें अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'निशान-ए-इम्तियाज' से सम्मानित किया था।
पाकिस्तान का 'निशान-ए-इम्तियाज'
पाकिस्तानी जनता के साथ-साथ वहां की हुकूमत भी दिलीप कुमार के अभिनय का लोहा मानती थी। इसी कड़ी में, साल 1998 में पाकिस्तान ने उन्हें अपना सर्वोच्च सम्मान 'निशान-ए-इम्तियाज' प्रदान किया था। हालांकि, इस सम्मान को स्वीकार करने पर दिलीप कुमार को भारत में कुछ आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था।
भारत में मिले प्रमुख सम्मान
भारत में भी दिलीप कुमार को उनके अतुलनीय योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया था:
- पद्म भूषण: 1991 में (भारत का तीसरा सबसे ऊंचा नागरिक सम्मान)।
- दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड: 1994 में (भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा पुरस्कार)।
- पद्म विभूषण: 2015 में (भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान)।
शानदार फिल्मी करियर और निधन
दिलीप कुमार ने अपने लंबे और सफल अभिनय करियर में कई बेहतरीन और यादगार फिल्में दीं। उनकी कुछ सबसे चर्चित फिल्मों में 'विधाता', 'क्रांति', 'कर्मा', 'सौदागर', 'गोपी', 'राम और श्याम', 'गंगा जमुना', 'मुगल ए आजम', 'कोहिनूर', 'पैगाम', 'गुड्डी', 'शक्ति', 'मधुमति', 'नया दौर', 'आग', 'दीदार', 'बाबुल', 'अंदाज़' और 'शहीद' आदि शामिल हैं। हिंदी सिनेमा के 'ट्रेजेडी किंग' के नाम से मशहूर दिलीप कुमार का साल 2021 में 98 साल की उम्र में मुंबई के पीडी हिंदुजा हॉस्पिटल में निधन हो गया था।
दिलीप कुमार का जीवन और करियर इस बात का प्रमाण है कि कला और अभिनय की कोई सीमा नहीं होती।